अब सरकारी विद्यालय भी देंगे निजी स्कूलों को टक्कर
– शिक्षक व छात्र दोनों के लिए तैयार हुई लाइब्रेरी
बक्सर : बिहार सरकार और शिक्षा विभाग की पहल से शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। विषम परिस्थिति में स्कूल बंद होने के बाद भी पढ़ाई बाधित न हो। इसका पूरा इंतजाम कर लिया गया है।इसके तहत अब शिक्षा व्यवस्था को हाईटेक करने के लिए विभाग ई-लाॅट्स पोर्टल और ऐप लॉन्च किया है। हालांकि यह पहला प्रयास नहीं है।इससे पहले भी विभाग ने बेहतर शिक्षा के लिए दीक्षा एप लांच किया था। लेकिन, इस बार पहले से बेहतर प्रयास हुआ है और आसान तथा ज्यादा ज्ञानवर्द्धक भी। पुराने एप में सिर्फ शिक्षक जुड़े थे अब इसमें छात्र भी डाउनलोड कर सकते हैं। बदलते परिवेश में सबके घर तक एंड्राइड फोन पहुंच गया है। भले ही लोग गरीबी के नाम पर इसका माखौल उडाएं लेकिन, यह एक सच्चाई है। फोन हर घर तक पहुंच गया है। आइए जानते हैं इस एप के बारे में।
क्या है ई-लॉट्स एप ?
इस ऐप के लॉन्च होने के बाद अब सरकारी स्कूल के बच्चे भी प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को टक्कर देंगे ।जो सराहनीय कदम है। यह पोर्टल पढने वाले बच्चे,अभिभावक और शिक्षकों के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है। इस लर्निंग एप का नाम भी उसी तर्ज पर लाॅट्स रखा गया है। इसका मतलब लाइब्रेरी ऑफ़ टीचर एंड स्टूडेंट
अब बच्चों के पुस्तकालय उनके हाथ में
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए तैयार इस डिजिटल मंच पर कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी बिषय की पुस्तकें उपलब्ध है। बच्चे अपने स्मार्टफोन में इस ऐप को डाउनलोड कर जब चाहे जहां अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। सरकार की इस अनोखी पहल से बच्चों का पुस्तकालय अब उनके मुट्ठी में है। इस ऐप में डिजिटल शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई गई है। जिसमें बुक और लर्निंग वीडियोस के अलावे और भी बहुत कुछ बच्चों के लिए इसमें शामिल किया गया है।
डिजिटल शैक्षणिक सामग्री परोस रहे है राजपुर के शिक्षक
ऐप के प्रचार प्रसार के लिए शिक्षा विभाग ऊर्जा के साथ तैयारी कर चुका है। प्रखंड संकुल संसाधन केंद्र पर गुरु गोष्ठी में उपस्थित स्कूल के प्रधानाचार्य को विधिवत जानकारी दी गई है। जानकारी देते हुए बीआरपी विनोद पाण्डेय ने बताया कि कोविड-19 महमारी के दौर में सबसे बुरा प्रभाव बच्चों के पठन-पाठन पर पड़ा है। साथ ही विभाग को बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था प्रदान करने के लिए नए अनुसंधान पर सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा। ई-लॉट्स का प्रचार प्रसार करने शिक्षकों को बैठक में बताया गया कि हर बच्चों के अभिभावक को इस डिजिटल लाइब्रेरी की जानकारी देनी है साथ ही इस ऐप को डाउनलोड करवाना है। उन्होंने बताया की एनसीईआरटी ( राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद ) के सहयोग से बच्चों के मनोवैज्ञानिक तरीके से ध्यान में रखकर इसे विकसित किया गया है।