नेपाल ने दी तटबंध को तोड़ने की धमकी ,बढ़ सकता है बाढ़ का खतरा

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पटना :  भारत और चीन में सीमा पर तनाव के बीच नेपाल भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ नेपाल में भारी बारिश से बिहार में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। वहीं दूसरी तरफ नेपाल के रौतहट जिला प्रशासन द्वारा बंजरहा के पास भारतीय सीमा में नो मेंस लैंड से सटे हुए लालबकेया नदी के तटबंध के एक हिस्से को हटाने का कहा गया है अन्यथा इसे तोड़ने की चेतावनी भी दी गयी है।

नेपाल का दावा बिहार सरकार के जल संसाधन अतिक्रमित कर बनाया तटबंध

नेपाल का दावा है कि बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने दो मीटर चौड़ा और 200 मीटर लंबा तटबंध नो-मेंस लैंड को अतिक्रमित कर बनाया है। नेपाल ने कहा है कि इसे हटाया नहीं गया तो इसे तोड़ कर हटा देंगे। इधर खतरा इस बात का है कि बरसात के इस मौसम में अगर तटबंध को हटाया गया, तो इलाके के लोगों को बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

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रौतहट के सीडीओ (डीएम) वासुदेव घिमिरे ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेपाली मीडियाकर्मियों से कहा है कि दोनों देशों की भू-मापक टीम द्वारा की गयी पैमाइश में पाया गया है कि बॉर्डर पिलर संख्या 346/5 से पिलर संख्या 346/7 के बीच 11 स्थानों पर पिलर बनाया गया है। मापी में पाया गया है कि बांध को कहीं दो मीटर तो कहीं एक मीटर नो-मेंस लैंड को अतिक्रमित कर बनाया गया है।

वहीं पूर्वी चंपारण के डीएम ने कहा कि इस मसले पर हमारे पास आधिकारिक सूचना नहीं है। MEA और होम का भी कोई डायरेक्शन नहीं आया है। जो नापी की रिपोर्ट आई है वह सीधे केंद्र सरकार को भेजी गई है। इस पर सात- आठ दिनों में कोई दिशा निर्देश आ सकता है तब हम इस आलोक में कोई कदम उठाएंगे। डीएम ने कहा कि हमने ही इस इश्यू को उठाया था पर संविधान के आलोक में हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।

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