नेपाल के पीएम को मिला चुनौती करा लें शास्त्रार्थ , सीतामढ़ी में परिवाद दायर

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पटना : भगवान राम को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के विवादित बयान के बाद से ही सीतामढ़ी के लोगों में आक्रोश है। के पी शर्मा ओली के खिलाफ सीतामढ़ी की अदालत में एक परिवाद दायर किया गया है। ओली पर धार्मिक भावनाओं व धार्मिक उन्माद फैलाने का लगाया आरोप फैलाने का आरोप लगाया गया है।अधिवक्ता ठाकुर चन्दन सिंह द्वारा सीतामढ़ी की अदालत में परिवाद दायर किया गया है।

नेपाली पीएम का दावा अयोध्या नेपाल में

नेपाली कवि भानुभक्त आचार्य की 206वीं जयंती पर प्रधानमंत्री निवास में हुए कार्यक्रम में ओली ने कहा कि नेपाल ‘सांस्कृतिक अतिक्रमण का शिकार हुआ है और इसके इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।’ओली ने जोर देकर कहा कि फैजाबाद में स्थित अयोध्या भारत द्वारा बाद में बनाया गया और वह राम का वास्तविक प्राचीन साम्राज्य नहीं है।साथ ही उन्होंने दावा किया कि ‘वास्तविक’ अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं।उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के थोड़ी में हुआ था।

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अयोध्या नेपाल में तो वहां सरयू नदी क्यों नहीं

जिसके बाद उनके इस बयान पर पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष कुणाल किशोर ने बेबुनियाद बताते हुए बताया कि यह दावा निराधार है, उन्होंने वाल्मीकि रामायण का अध्यन नहीं किया है।जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि जब देवता विष्णु भगवान के पास गए थे और पूछा था कि रावण का वध कैसे होगा। तब भगवान विष्णु ने कहा था कि मैं अयोध्या में राजा दशरथ के घर जन्म लूंगा जो अयोध्या सरयू तट पर स्थित है।जिस अयोध्या के आधार पर ओली दावा करते हैं कि असली अयोध्या अयोध्या नेपाल मेंहै, वहां कोई सरयू नदी है ही नहीं। इसके साथ ही उन्होंने नेपाली प्रधानमंत्री होली को चुनौती देते हुए कहा कि पांच विद्वान नेपाल के और पांच विद्वान भारत के ‘कहीं भी शास्त्रार्थ करा लें और इसका प्रमाण दें।

एतिहासिक अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ करना नेपाल की पुरानी आदत

वहीं नेपाली प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि भगवान राम जितने भारत के हैं, उतने नेपाल सहित पूरे विश्व के इसलिए उनको लेकर कोई भी विवाद उचित नहीं है। हालांकि उन्होंने नेपाल के पीएम पर निशाना साधते हुए कहा है कि एतिहासिक अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ करना उनकी आदत हो गई है। पहले उन्होंने भारत की सीमा के साथ छेड़छाड़ कर नया नक्शा पास कर दिया, हो सके तो कल वो पूरे भारत पर अपना हक जमा दें। अब उनका बयान ये दर्शाता है कि इमरान खान की तरह एक और राष्ट्राध्यक्ष किसी और शासन (चीन) की कठपुतली बन गई है।

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