नई शिक्षा नीति भारत को श्रेष्ठ बनाने की दिशा में कार्य करेगी – संतोष कुमार

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मुंगेर : नई शिक्षा नीति 2020 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विद्या भारती, दक्षिण बिहार के प्रांतीय सोशल मीडिया प्रमुख संतोष कुमार ने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरू और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में गुणवत्तापूर्ण, नवाचारयुक्त, प्रौद्योगिकीयुक्त और भारत केन्द्रित शिक्षा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक महत्वपूर्ण कदम तथा राष्ट्रीयहित में किए गए महत्वपूर्ण सद्प्रयास है।

आत्मनिर्भर भारत के लिए युवाओं में ऊर्जा का संचार करेगी यह योजना

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह नए भारत की जरूरतों को पूरा करेगी तथा आत्मनिर्भर भारत के लिए युवाओं में ऊर्जा का संचार करेगी। यह अतीत के अनुभवों से सीख लेकर, वर्तमान की चुनौतियों को समझ कर तथा भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है। जिससे शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन की असीम संभावनाएं दिखाई देती हैं।

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शिक्षकों की भर्ती के लिए मजबूत तंत्र बनाने को रखा जाएगा ध्यान

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विचार विमर्श और शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों, विचारकों के परामर्श, लाखों गावों तक सम्पर्क-संवाद तथा सेमिनारों, कार्यशालाओं के आयोजन और चर्चा के उपरांत बच्चों को शुरूआती दौर से बेहतर शिक्षा, समान अवसर, गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान को बढ़ावा देने तथा शिक्षकों की भर्ती के लिए मजबूत तंत्र बनाने को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

नई शिक्षा नीति परिवर्तनकारी तथा नया मार्ग दिखाने वाला महत्वपूर्ण कदम 

संतोष कुमार ने कहा यह निश्चित रूप से एक परिवर्तनकारी तथा नया मार्ग दिखाने वाला महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रशंसा योग्य है। आशा की जानी चाहिए कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति समग्र, एकात्म, सर्वसमावेशी तथा उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा की दिशा में सशक्त कदम होने के साथ-साथ 21वीं शताब्दी के लिए आवश्यक कौशलों तथा मूल्याधारित, मानव निर्माण करने वाली शिक्षा पद्धति को लागू करने का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। यह नए भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति से कौशल आधारित शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति से कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए ठोस डिजिटल संरचना तैयार होगी और रोजगार प्राप्ति में सुधार होगा। इस नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को एक ज्ञान आधारित जीवंत समाज और ज्ञान को अंतरराष्ट्रीय महाशक्ति में बदलना और प्रत्येक छात्र में निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है।

राष्ट्रीय भाषाओं के साथ क्षेत्रीय भाषाओं का बढ़ेगा महत्व

नई शिक्षा नीति से राष्ट्रीय भाषाओं के साथ क्षेत्रीय भाषाओं का महत्व बढ़ेगा। इसके दूरगामी अच्छे परिणाम आएंगे। छात्रों को मनपसंद पाठयक्रम चुनने की आजादी होगी। व्यवहारिक और व्यवसायिक शिक्षा से स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कला, संस्कृति को स्थान मिलने से भारतीय परंपराओं का विकास होगा। वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनने के भारत के दृष्टिकोण को गति मिलेगी तथा कौशल और ज्ञान के मिश्रण से स्वस्थ्य माहौल का सृजन होगा।

हर कक्षा में जीवन कौशल परखने पर होगा पैनी नजर

इस नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल के बच्चों के परफाॅंर्मेंस का आकलन करने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। अब उनके प्रदर्शन को तीन स्तर पर परखा जाएगा। एक स्वयं छात्र करेगा, दूसरा सहपाठी और तीसरा उसका शिक्षक। हर कक्षा में जीवन कौशल परखने पर जोर होगा। छात्रों द्वारा रटे हुए सवालों के आधार पर बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक ले आने के बजाए अब उनकी वास्तविक क्षमताओं एवं योग्यताओं को परखा जाएगा।

नई शिक्षा नीति बहुत सारे आयामों को लेकर आ रही है जिसमें ज्ञान, विज्ञान एवं नैतिकता के साथ भारत की मूल भावनाओं का समावेश देखने को मिलेगा। यह नई शिक्षा नीति नवाचार, अनुसंधान और शोध के साथ भारत केंद्रित होगी जो भारत को श्रेष्ठ बनाने की दिशा में कार्य करेगी

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