लालू राबड़ी के 15 वर्षों के शासनकाल में बिहार के हालात काफी दयनीय-पप्पू वर्मा

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पटना : पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने राजद पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में सबसे अधिक बदहाली उनके शासनकाल में ही हुआ। वहीं इस बदहाल बिहार को ठीक ढंग से व्यवस्थित करने व संभालने में पिछले 15 वर्षों से नीतीश कुमार, सुशील मोदी,और नंदकिशोर यादव के अहम भूमिका निभाई है।

लालू राबड़ी ने बिहार में किया 15 वर्षों का क्रूर शासन

युवा नेता पप्पू वर्मा ने कहा कि लालू राबड़ी के 15 वर्षों के शासनकाल में बिहार के हालात काफी दयनीय हो गई थी बिहार में चरम पर अराजकता, सत्ता का आपराधिक गठजोड़, बड़े पैमाने पर कल कारखानों का बंद होना, अपराधियों के भय से बिहार के व्यापारी वर्गो को दूसरे राज्यों में शिफ्ट कर जाना, उद्योग धंधा पर ताला लगना, रोजगार की तलाश में बिहार के पढ़े-लिखे बेरोजगार नौजवानों व श्रमिकों को पलायन पर मजबूर होना, इन सभी घटनाओं के पीछे लालू राबड़ी के 15 वर्षों के क्रूर शासन काल का ही नतीजा रहा।

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बिहार के इस दुर्दशा का जिम्मेवार लालू प्रसाद यादव

वर्मा ने कहा कि बिहार के इस दुर्दशा का जिम्मेवार कोई व्यक्ति है तो बस सिर्फ लालू प्रसाद यादव। 90 के दशक में गरीब-गुरबा के नाम पर बनी बिहार में सरकार ने ऐसा तांडव मचाया कि बिहार के नाम पर लोगों को दूसरे राज्यों में काफी गलत निगाह से देखना लोग शुरू कर दिया। वर्मा ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस के सरकार के सह पर लालू रावड़ी शासनकाल में भ्रष्टाचार व अराजकता चरम पर था। जिसका खामियाजा आज भी बिहार भुगत रहा है।

एनडीए के 13 वर्षों के शासनकाल में बिहार प्रगति की राह पर

वहीं वर्मा ने नीतीश कुमार व शुशील मोदी,नंदकिशोर यादव के शासनकाल में बदहाल बिहार को संभालने व व्यवस्थित करने में अहम योगदान रहा। आज बिहार की सड़कों की हालत दूसरे राज्यों से काफी बेहतर है बिजली की समस्या समाप्त हो गई है, बिहार मैं इन तीनों ने कई योजनाओं को शुरुआत करके दूसरे राज्यों की तुलना में खड़ा करने का प्रयास किया है। एनडीए के 13 वर्षों के शासनकाल में बिहार प्रगति की राह पर है भय का वातावरण समाप्त हो गया है, आने वाला समय केंद्र सरकार के सहयोग से बिहार भी विकासशील राज्यों के श्रेणी में खरा उतरेगा।

हालांकि आज भी राजद कांग्रेस के गठजोड़ हरदम प्रयास में है बिहार के सत्ता पर काबिज होने का लेकिन बिहार के लोग उनके 15 वर्षों के शासनकाल को कभी मरणोपरांत भी भूल नहीं पाएगी। उनका सत्ता पर काबिज होने का सपना सिर्फ दिव्य स्वप्न बनकर रह जाएगा। बिहार के लोग किसी कीमत पर इनके मंसूबों में सफल नहीं होने देगा। आने वाला विधानसभा चुनाव के बाद भी एनडीए ही भारी बहुमत से बिहार में सरकार बनाएगी।

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