पटना : जेडीयू में राजनीति हिस्सेदारी के लिए भारी उठापटक मची हुई है। पार्टी के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आज मंगलवार को फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम नीतीश पर बड़ा हमला बोला। कुशवाहा ने कहा कि 90 के दशक में जो राजनीतिक हिस्सेदारी कभी नीतीश कुमार ने लालू यादव से मांगी थी, आज वही हिस्सा वह अपने लिए मुख्यमंत्री नीतीश से मांग रहे हैं। लेकिन उन्हें पार्टी संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना कर झुनझुना थमा दिया। एमएलसी के पद के नाम पर महज लॉलीपॉप थमाने से काम नहीं चलेगा। आपको मेरा सियासी हिस्सा देना ही पड़ेगा।
नीतीश पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा हमला
कुशवाहा ने कहा कि वे सरकारी नौकरी नहीं कर रहे हैं। राजनीति कर रहे हैं। पार्टी की तरफ से कहा गया कि उपेंद्र कुशवाहा को बहुत इज्जत दी गई। संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष और एमएलसी बनाया गया। लेकिन संसदीय बोर्ड अध्यक्ष के लिए कोई अधिकार पार्टी के संविधान में है ही नहीं। भारत सरकार में मंत्री पद को छोड़ते हुए भी एक पल का मलाल नहीं होता तो एमएलसी कौन सी बड़ी चीज है। वे चाहें तो एमएलसी का पद भी वापस ले सकते हैं।
झुनझुना-लालीपॉप से नहीं चलेगा काम
श्री कुशवाहा ने बीते दिन अपने ऊपर आरा में हुए हमले पर कहा कि इसका वीडियो मौजूद है। डीजीपी और मुख्य सचिव इसकी जांच करें। यह हमला सुनियोजित था। दोषियों को पकड़ें और सजा दें। इस तरह बिहार नहीं चल सकता। उन्होंने यह भी कहा कि मैं चाहता था कि पार्टी के अंदर कोई अति पिछड़ा का सदस्य डिसीजन मेकिंग कमेटी में शामिल हो। लेकिन आज तक ऐसा नहीं किया गया। नतीजतन जदयू से अति पिछड़ा का जुड़ाव लगातार घटता गया।