केदारनाथ आपदा की बरसी पर हजारों हुतात्माओं को श्रद्धांजलि

0

पटना : उत्तराखंड के केदारनाथ आपदा की 7वी बरसी पर बुधवार यानी 17 जून 2020 को वर्चुचुअल अखिल भारतीय सम्मेलन के माध्यम हजारों हुतात्माओं को श्रद्धांजलि दी गयी। उस त्रास्दी के गवाह रहे केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने आज के इस आनलाइन आयोजन की अध्यक्षता की। जगतगुरु रामीाद्राचार्य एवं जगतगुरु स्वामी अनंताचार्य जी महाराज के सानिध्य में आयोजित इस समारोह की शुरुआत दिल्ली में हवन पूजन से हुआ। इसके बाद इस आयोजन में भारत के सभी दिशाओं में स्थित प्रमुख धार्मिक केंद्रों से लोग जुड़ते चले गए।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद , बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी के साथ केदारनाथ आपदा में अपने परिजनों को खोने वाले पीड़ित परिवारों के सदस्य, साधु-संत, सामाजिक व आध्यात्मिक संगठन के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में श्रद्धांजलि अर्पित की।

swatva


इस ऑनलाइन समारोह के माध्यम से अखिल भारतीय उत्तराखंड त्रासदी पीड़ित मंच द्वारा श्रद्धांजलि सभा, हवन एवं पूजन का आयोजन कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी ।

इस कारिक्रम की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय उत्तराखंड त्रासदी पीड़ित मंच के संयोजक, बक्सर सांसद सह केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी कुमार चैबे जी भाव विभोर हो गए । उन्होंने कहा कि मैं मानता हूँ कि यह दूसरा जीवन हम लोगों को ईश्वर , कुलदेवी, व पितरों के आशीर्वाद से ही मिला है। श्रीचैबे अपने पूरे परिवार के साथ केदारधाम गए थे। उस हादसे में उनके कई निकट संबंधियों, पारिवारिक मित्रों व सुरक्षार्मियों का देहांत हो गया था। उस त्रासदी की चर्चा होते ही उनके छोटे-छोटे पोतों के चेहरे आज भी लाल हो जाते हैं।


आज के इस वर्चुअल समारोह में दिल्ली, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, चेन्नई जैसे स्थानों के साथ ही बिहार के बक्सर, गया व भागलपुर से भी संत, महंत व श्रद्धालु जुड़े।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि केदारनाथ त्रासदी का संदेश है कि हमारा व्यवहार प्रकृति के प्रतिकूल नहीं हो। उस त्रासदी से हमें जो शिक्षा मिली है उसे अपने व्यवहार में उतारना ही होगा, नहीं तो पूरा देश, समाज ओर हमारी संस्कृति संकट में होगी।
इस आनलाइन कार्यक्रम में सीमा पर चीन के सैनिकों के साथ झड़प में शहीद होने वाले सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी गयीं। इसके साथ ही चीन के इस व्यवहार के लिए उसे दंडित करने की भी मांग उठी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here