जल प्रबंधन में सरकार के साथ स्थानीय समुदायों और स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण – मेधना मुखर्जी
पटना : कालेज आफ कामर्स आर्ट्स एण्ड साइंस पटना में अर्थशास्त्र विभाग और आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में ‘जल प्रबंधन और शासन’ विषय पर गुरुवार को राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।इस वेबिनार में मुख्य अतिथि नीदरलैंड की समाजिक वैज्ञानिक मेधना मुखर्जी थी।मुखर्जी ने कहा कि जल प्रबंधन में सरकार की आम भूमिका के साथ साथ स्थानीय समुदायों और स्वयंसेवी संस्थाओं तथा सामान्य जन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
जल प्रबंधन है विकसित अर्थव्यवस्था का आवश्यक शर्त
उन्होंने कहा कि इस विषय की प्रासंगिकता सम्पूर्ण विश्व में है। जल एक अमूल्य प्राकृतिक संसाधन है जो सम्पूर्ण परिस्थितिक तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।मुखर्जी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन संबधी नीति निर्माण में सदा ही पारंपरिक व्यवस्थाओं तथा कौशल को शामिल किया जाना चाहिए। जल संसाधन प्रबंधन के अन्य आयामों तथा गुणवत्ता, विवाद तथा आपूर्ति संबंधी समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जल विवादों का उचित निर्णयन, गुणवत्ता की सुनिश्चितता तथा जल की आपूर्ति संबधी समस्याओं के उचित निर्वहन के लिए विकसित अर्थव्यवस्था एक आवश्यक शर्त है।
अनिवार्य रूप से करें प्राकृतिक संसाधनों का समुचित प्रबंधन
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का समूचित प्रबंधन एवं वितरण ही अर्थव्यवस्था को विकसित करने में सहायक सिद्ध होगा। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रिंसिपल प्रो. तपन कुमार शान्डिल्य ने कहा कि अगर हम सही मायने में विकसित होना चाहते हैं तो हमें प्राकृतिक संसाधनों का समुचित प्रबंधन अनिवार्य रूप से करना होगा।
व्याख्यान का संचालन अर्थशास्त्र की विभागाध्यक्ष प्रो. रश्मि अखौरी ने किया। वेबिनार में अन्य लोगों के अलावा प्रो. मृदुला कुमारी, प्रो. उमेश प्रसाद, प्रो. प्रवीण कुमार, प्रो. के एन यादव, प्रो. विवेक कुमार, प्रो. रमेश चौधरी, प्रो. संजय पांडेय, प्रो. बैकुंठ राय, आईक्यूएसी के संयोजक प्रो. संतोष कुमार, अंग्रेजी की विभागाध्यक्ष प्रो. सलोना कुमार, मनोविज्ञान की प्रो. कीर्ति समेत अन्य विषयों के शिक्षक छात्र और छात्राओं ने वेबिनार में भाग लिया।