7 जून : अरवल की मुख्य खबरें

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नगर परिषद के वार्ड पांच में बरसात के अलावे अन्य दिनों में भी रहता है गंदे पानी का जमाव

अरवल- नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर पांच के करीब पांच हजार की आबादी के लोगों को अभी तक कई मूलभूत समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस वार्ड की सबसे मूलभूत समस्या घरों की और मोहल्लों की पानी की निकासी की बरसो पूर्व से चली आ रही है बरसात के अलावा अन्य दिनों में भी इस वार्ड के लोगों को गंदे पानी के जमाव का सामना करना पड़ता है जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि घरों की पानी की निकासी के लिए अधिकांश गलियों में पक्का नाली का निर्माण किया गया है।

लेकिन शहर से पानी की निकासी के लिए अभी तक नाला का निर्माण नहीं किया जा सका है। जिसके कारण इस वार्ड के लोगों को भी गंदे पानी के जमाव का सामना करना पड़ता है। वार्ड क्षेत्र के लोगों को पीने के लिए नल जल योजना के तहत लाखों रुपए खर्च कर पाइपलाइन बिछाया गया लेकिन पाइपलाइन से भी लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है सार्वजनिक शौचालय नहीं रहने के कारण गरीब तबके के लोगों को बाहर में शौच करने के लिए जाना पड़ता है।

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पूर्व में बनाया गया सामुदायिक भवन की स्थिति जर्जर हो चुकी है जिसके कारण किसी भी तरह का सार्वजनिक कार्यक्रम करने के लिए लोगों को अन्यत्र ठिकाना खोजना पड़ता है वार्ड क्षेत्र में दो आंगनबाड़ी केंद्र किराए के मकान में संचालित है मनमानी बिजली बिल को लेकर लोगों में काफी गुस्सा व्याप्त है वार्ड चेत्र में एक कन्या मध्य विद्यालय अवस्थित है जहां छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती है वार्ड क्षेत्र के भिन्न-भिन्न स्थानों पर पूर्व से ही सात चापकल लगाए गए हैं।

वर्तमान समय में लोगों को चापाकल के माध्यम से पीने के लिए पानी उपलब्ध हो हो पा रहा है। नगर परिषद द्वारा लगाया गया स्ट्रीट लाइट भी अनेक स्थानों पर खराब पड़ा हुआ है जिसके कारण लोगों को अंधेरे में आना जाना पड़ता है लाखों रुपया खर्च कर नल जल योजना के तहत हर घर में पीने के लिए स्वच्छ पानी पहुंचाने का सपना भी अधूरा रह गया है।

1 वार्ड के घरों से पानी की निकासी के लिए व्यापक पैमाने पर प्राथमिकता के आधार पर कार्य होना चाहिए क्योंकि पानी की निकासी के अभाव में गंदे पानी का जमाव हो जाता है और गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है।

रविंद्र कुमार

2 वार्ड क्षेत्र में सभी लोग संपन्न नहीं है जिसके कारण शौचालय का निर्माण सभी घरों में नहीं हो पाया इसका मुख्य कारण लोगों के पास भूमि का अभाव भी है ऐसे लोगों के लिए वार्ड क्षेत्र के अनेक स्थानों पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण होना चाहिए

शकुंतला देवी

3 वार्ड क्षेत्र के अधिकांश घरों में बिजली विभाग द्वारा प्रीपेड मीटर लगाई गई है लेकिन प्रीपेड मीटर सही नहीं रहने के कारण उपभोक्ताओं का शोषण किया जा रहा है इस पर अंकुश लगाने के लिए कारगर कदम उठाना चाहिए

उदय प्रसाद

4 मुख्यालय शहर से पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज का निर्माण जब तक नहीं होगा तब तक नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डों से पानी की निकासी की समस्या ज्यों की त्यों बनी रहेगी इसके लिए शीघ्र ही कदम उठाना होगा।

कई पंचायतों को अभी तक नहीं मिल पाया है पंचायत भवन

अरवल – पंचायती राज विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022- 23 तक जिले में 48 पंचायत भवन बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है लक्ष्य के विरुद्ध जिले में 11 पंचायतों को अपना पंचायत भवन है सात पंचायत भवन निर्माणाधीन है जबकि जिले में 64 पंचायत हैं बताते चलें के सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत में पंचायत भवन बनाने का प्रावधान किया है ताकि उस भवन में पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधि पंचायत कर्मी बैठकर पंचायत के लोगों को समस्या का निष्पादन कर सके।

यहां तक की भवन में ग्राम कचहरी न्यायालय कक्ष के माध्यम से विवादों का हल कराया जा सके इसके अलावा पंचायत भवन में अभिलेख संरक्षण के लिए कमरा पंचायत की स्थाई समिति की बैठक के लिए हॉल आम जनता के लिए स्वागत के लिए कक्ष एवं महत्वपूर्ण कर्मियों के लिए आवासीय खंड का निर्माण करना है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कंप्यूटराइज कार्य के लिए पंचायत से बाहर नहीं जाना पड़े इसके लिए सेवा केंद्र स्टोर पैंट्री शौचालय पानी का उक्त भवन में व्यवस्था करना है।

लेकिन, पंचायत भवन नहीं रहने के कारण आज भी लोगों को अपने कार्यों के निष्पादन के लिए प्रखंडों का चक्कर काटना पड़ता है एक कार्य के लिए कम से कम 10 बार प्रखंड में जाना पड़ता है फिर भी लोगों को निराशा हाथ लगती है दूसरी ओर जहां पर पंचायत भवन संचालित है। वहां भी न कर्मी पहुंचते हैं और ना ही कोई पदाधिकारी जबकि पंचायत के लोगों के कार्यों का निष्पादन हो इसके लिए सरकार द्वारा संबंधित पंचायत के पदाधिकारी एवं कर्मी को पंचायत भवन में रहकर ही कार्यों का निष्पादन के लिए निर्देश दिया गया है।

पंचायती राज विभाग के अनुसार सामान्य क्षेत्र में 6598 स्क्वायर फीट तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 8924 स्क्वायर फीट में भवन का निर्माण करना है पूर्व में क्षेत्र के अनुसार एक करोड़ 25 लाख से 150 लाख की लागत से भवन का निर्माण कराया गया है। लेकिन फिलहाल लगभग 2 करोड़ से 2 करोड़ 86 लाख तक पंचायत भवन बनाने में लागत लग सकती है पूर्व में पंचायत मुखिया द्वारा पंचायत भवन का निर्माण कराया जाता था लेकिन अब एल ए इ ओ के माध्यम से पंचायत भवन का निर्माण कराया जाना है।

क्या कहते हैं जिला पंचायती राज पदाधिकारी जिला पंचायती राज पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि राज्य सरकार पंचायती राज विभाग द्वारा जिले में 48 पंचायत भवन बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है लक्ष्य के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा 31 पंचायत में पंचायत भवन बनाने के लिए चिन्हित किया गया है अब तक जिले में 11 पंचायत मे पंचायत भवन उपलब्ध है।

जबकि सात पंचायत भवन निर्माणाधीन है उन्होंने बताया कि निर्माणाधीन पंचायत भवनों में पांच भवन का निर्माण कार्य 95 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है तथा दो का निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि चरणबद्ध तरीके से सभी पंचायतों में पंचायत भवन बनाना है। उन्होंने बताया कि षष्टमराज्य वित्त आयोग एवं राज योजना मद की राशि से स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन योजना एवं विकास विभाग एल ए ई ओ द्वारा शेष बचे हुए पंचायत भवन का निर्माण कराया जाना है पूर्व में मुखिया द्वारा बनाया जाता था लेकिन अब भवन बनाने के लिए निविदा निकाली जाएगी।

सड़क दुर्घटना में दो बच्चे की मौत 13 घायल का चल रहा इलाज

अरवल – देवकुंड करपी पथ पर चैनपुर ग्राम के निकट देवकुंड से शादी के उपरांत लौट रहे तेज गति में पिक अप अनियंत्रित होकर दुर्घनाग्रस्त हो गयी ,जिसमें सवार दो बच्चों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई जबकि 13 लोग घायल हो गए ।मृतक एंव अन्य घायल लोग कुर्था थाना के कोदमरई गांव के बताये जा रहे है!

मिली जानकारी के अनुसार सारे लोग बिते दिन देवकुंड धाम में शादी समारोह में भाग लेने पहूंचे थे एंव शादी के उपरांत लौटते वक्त तेज गति होने के चलते चैनपुर मोड़ के निकट गाङी पुरी तरह अनियंत्रण होकर पलट गई। गाड़ी पर सवार दूल्हा किशोर पासवान सहित कई लोग घायल हो गए और दो बच्चे राजीव कुमार पिता रंजीत पासवान (जहाना बाद) मनु कुमार पिता धर्मेंद्र पासवान (कोदमरई) कि मृत्यु गाङी पर लदे सामान से दब जाने के कारण हो गयी! प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गाङी पर लदे पलंग बक्सा इत्यादि सामानों के नीचे दब जाने से उन दोनों बच्चों की मौत हो गई।

इसका मुख्य कारण गाड़ी को तेज रफ्तार होना है गाड़ी बहुत तेज गति से शहरतेलपा की ओर से आ रही थी, ड्राइवर अपना संतुलन खो दिया जिसके चलते ऐसी घटना हुई है !घटना के बाद ड्राइवर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया है घायलों का इलाज शहर तेलपा स्वास्थ्य उपकेंद्र में कराने के उपरांत उन्हें अरवल सदर अस्पताल में भेज दिया गया है !घायलों में दो की हालत चिंताजनक बनी हुई है !शहर तेलपा ओपी अध्यक्ष विवेक कुमार ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को को कब्जे में ले लिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार घटना में सिद्धि पासवान 45 वर्ष कोमल कुमारी 5 वर्ष या पासवान 40 वर्ष मोनू कुमार 14 वर्ष रोहित कुमार 12 वर्ष कृष्णा पासवान 65 वर्ष रामनिवास पासवान 11 वर्ष गुगली देवी 35 वर्ष सुमित्रा देवी 40 वर्ष विकास कुमार 11 वर्ष रेशमी देवी 45 वर्ष लाल मोहर पासवान 55 वर्ष एवं रामप्रवेश पासवान 50 वर्ष बुरी तरह से घायल हो गए जिन का इलाज सदर अस्पताल में कराया गया।

घटना के बाद सदर अस्पताल पहुंचकर स्थानीय विधायक महानंद सिंह, जिला पार्षद प्रतिनिधि सुधीर शर्मा सहित कई राजनीतिक दलों के लोग एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया एवं मृतक के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की तथा हर तरह का सरकारी सहायता दिलाने का भरोसा दिलाया।

गेहूं बेचने में किसान नहीं ले रहे रुचि लक्ष्य की नहीं होगी प्राप्ति

अरवल- बिहार सरकार खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा किसानों से गेहूं खरीद के लिए अंतिम तिथि 31 मई से बढ़ाकर 15 जून तक किया गया है बाजारों में गेहूं की अधिक कीमत मिलने के कारण किसान पैक्स में गेहूं बिक्री में रूचि नहीं दिखा रहे हैं नतीजतन जिले में सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीद लक्ष्य के विरुद्ध 1 प्रतिशत से भी कम हुई है।

बताते चलें के गेहूं खरीद के लिए इस वर्ष जिले में 6755 मैट्रिक टन गेहूं का लक्ष्य निर्धारित किया गया है लक्ष्य हासिल करने के लिए विगत 20 अप्रैल से 63 पैक्स एवं तीन व्यापार मंडल को गेहूं खरीद के लिए लगाया गया है। लगभग 58 दिन बीत चुके अब तक 30 किसान से 40.25 मैट्रिक टन गेहूं खरीद हो पाई है जबकि गेहूं बिक्री करने के लिए 104 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है लेकिन बाजार में अधिक कीमत मिलने के कारण ऑनलाइन वाले किसान भी पैक्स में गेहूं बिक्री करने से मुकर रहे हैं।

किसान दीनानाथ सिंह बैजू सिंह श्रीकांत सिंह सहित अन्य ने बताया की पैक्स में गेहूं बिक्री करने पर 2125 रुपया प्रति क्विंटल की दर से मिलेगा जबकि पैक्स में गेहूं पहुंचाने के लिए गनी बैग अपने स्तर से खरीद करना पड़ता है तथा पैक्स गोदाम तक पहुंचाने में खर्च लग जाता है यहां तक की गोदाम पर पहुंचाने में वजन कराने का भी खर्च देना पड़ता है लगभग 150 रु प्रति क्विंटल की दर से पैक्स में गेहूं बिक्री करने पर खर्च हो जा रहा है किसानों को कहना है कि घर पर ही आकर व्यापारी 2325 रुपया प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीद कर लेता है।

जिसमें किसी प्रकार का खर्च नहीं होता है तथा पैसा नगद मिल जाता है जबकि पैक्स में बिक्री करने पर कई हफ्ता इंतजार करना पड़ता है। किसानों का कहना है कि भले ही नियम 48 घंटा के अंदर भुगतान करने का है परंतु 48 घंटा के अंदर भुगतान नहीं होता है इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि पूर्व में 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई है तथा 31 मई खरीद का अंतिम तिथि निर्धारित था।

लेकिन, अंतिम तिथि में संशोधन कर 15 जून तक खरीद के लिए तिथि निर्धारित किया गया है उन्होंने बताया कि सदर प्रखंड में 10 किसान से 8.5 कलेर प्रखंड में 7 किसान से 25.50 करपी प्रखंड में 4 किसान से 2.9 कुर्था प्रखंड में 7 किसान से 2.67 तथा बंसी प्रखंड में 2 किसान से 7 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। उन्होंने बताया कि किसानों को पूर्व में जागरूक किया गया है। लेकिन बाजार में अधिक कीमत रहने के कारण किसान पैक्स में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

जिले की समस्याओं से स्थल पर जाकर रूबरू हो रही है जिला पदाधिकारी

अरवल – जिलाधिकारी ने आज कुर्था प्रखंड के अंतर्गत विभिन्न पंचायतों का निरीक्षण किया। उन्होंने निघवां पंचायत के वार्ड नंबर एक और तीन तथा अहमदपुर हरना पंचायत के वार्ड नंबर दो तीन, और चार का दौरा किया। लोगों ने तापमान बढ़ने के कारण पीने के पानी की किल्लत की शिकायत की इस पर उन्होंने बीपीआरओ को मामले का जल्द से जल्द समाधान करने का कड़ा निर्देश दिया।

राशन कार्ड की शिकायत भी जिलाधिकारी से की गई उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि किसी भी कीमत पर सही व्यक्ति छूटे नहीं, यह सुनिश्चित किया जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति और सुविधाओं के बारे में पूछने पर ग्रामीणों ने शिकायत की कि ऐसे केंद्रों की कमी है और वे केंद्रों का लाभ नहीं उठा रहे हैं। इस बाबत उन्होंने बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को निर्देश दिया कि आंगनबाडी केन्द्रों के तहत पंजीकृत होने वाले लोगों का पूरा कवरेज सुनिश्चित किया जाये और आंगनबाड़ी केन्द्रों की सुविधाओं को हितग्राहियों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाये।

लोगों ने बिजली आपूर्ति में कमी और डब्ल्यूपीयू के निर्माण को लेकर भी शिकायत की इस पर उन्होंने कार्यपालक अभियंता विद्युत एवं अनुमंडल पदाधिकारी को मामले की जांच कर इसे ठीक कराने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रखंड भवन का भी दौरा किया और प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे पूर्व मे मुख्य सचिव के वीसी के आलोक में व विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार अभिलेखों को विभिन्न वर्गों में विभाजित कर नष्ट कराना सुनिश्चित करें।

लापरवाही बरतने वाले प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी से किया गया स्पष्टीकरण

अरवल – कुर्था प्रखंड में जांच के दौरान नल जल योजना में व्यापक लापरवाही प्रदर्शित हुई है। निघवा पंचायत के कई वार्ड में नल जल योजना की जांच के क्रम में पाया गया है कि कई वर्षों से ग्रामीणों को योजना का लाभ मिला ही नहीं है। प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पूर्व में ही योजना से संबंधित राशि की पूर्ण निकासी कर ली गई है किंतु 10 पंचायतों में से 7 पंचायतों में नल जल योजना में पानी सप्लाई नहीं किया जा रहा है. यह अत्यंत गंभीर विषय है।

निर्देश दिया गया है कि स्पष्ट जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया जाए एवं अनियमितता पाए जाने की स्थिति में संबंधित मुखिया वार्ड सदस्य के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई एवं दोषी पदाधिकारी एवं कर्मी के विरुद्ध दंडात्मक एवं विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

प्रखंड के सभी पंचायतो एवं नगर क्षेत्र में सभी खराब सरकारी चापाकल की मरम्मत हेतु कार्यपालक अभियंत पी एच ई डी को निर्देशित किया गया। इस दौरान नल जल योजना में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी की लापरवाही प्रतीत हुई है साथ में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में प्रखंड कृषि पदाधिकारी की उदासीनता एवं लापरवाही प्रदर्शित हुई है दोनों पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग कर वेतन रोकते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

अरवल ब्यूरो देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट

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