पटना : विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने बिहार सरकार के भूमि व राजस्व सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय द्वारा अधिकारियों के किए गए तबादले और उसके बाद इन तबादलों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा रोक लगाए जाने के मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है।
रविवार को एक बयान जारी कर देव ज्योति ने आरोप लगाया कि रामसूरत राय का विवादों से गहरा नाता रहा है। इसके पहले भी मुजफ्फरपुर के एक स्कूल में शराब पकड़े जाने के बाद इनका नाम सामने आया था, फिर मामला संभवतः रफा दफा हो गया।
देव ज्योति ने साफ लहजे में कहा कि इनके विभाग द्वारा किये गए तबादलों में ऐसी कुछ तो बात रही होगी, जिसे संज्ञान में लेते हुए सीएम नीतीश कुमार ने इस पर रोक लगा दी है। उन्होंने यह भी कहा कि कई ऐसे अधिकारियों का भी तबादला सूची में नाम था जिनका अभी तीन वर्ष पूरा भी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि सूचना तो यहां तक है कि इन तबादलों में बड़ी राशि की लेन देन हुई है।
वीआईपी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार की पहचान उनके सुशासन और न्याय के साथ विकास की रही है। एक सीएम के तौर पर उनके पास ज़रूर कुछ ऐसी सूचना प्राप्त हुई होगी, जो उन्हें नागवार लगी होगी। जिसके बाद तबादले पर रोक लगा दी गई। विदित हो कि मंत्री द्वारा 30 जून को अंचल अधिकारियों समेत अन्य पदाधिकारियों का तबादला किया गया था। बाद में मुख्यमंत्री ने इन तबादलों पर रोक लगा दी है।