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सपना वह जो हमें सोने न दे : सभापति

पटना : मंगलवार को ए. एन. कॉलेज, पटना के पुस्तकालय सभागार में अनुग्रह साहित्य परिषद एवं साहित्यिक संस्था आयाम के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी की सुपरिचित लेखिका डॉ.भावना शेखर के सद्य: प्रकाशित उपन्यास ‘ एक सपना लापता ‘ का लोकार्पण किया गया।

इस अवसर पर लोकार्पणकर्ता बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि सपना वह नहीं होता है, जो हम सोते हुए देखते हैं, बल्कि सपना वह होता है, जो हमें सोने नहीं देता है। उपन्यास पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें पीड़ा की अनुभूति है।यह पीड़ा ही इस रचना के सृजन का स्रोत है। उन्होंने आगे कहा कि साहित्य हमें जीना सीखाता है। ऐसे साहित्यिक कार्यक्रमों में शामिल होना मुझे हमेशा अच्छा लगता है।

वहीं इस लोकार्पण कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ.उषाकिरण खान ने कहा कि इस उपन्यास से मैं उसी तरह गुजरी हूँ, जिस तरह से इसकी लेखिका गुजरी है। उपन्यास के ड्राफ्ट को पढ़कर मैं अक्सर भावुक हो जाती थी। यह आँसुओं की स्याही से लिखा गया है।यह आत्मकथात्मक उपन्यास है। कथावस्तु सर्वथा नवीन एवं इसकी भाषा उत्कृष्ट है।

कार्यक्रम के आरंभ में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा कि यह उपन्यास निश्चित ही समाज को प्रेरित और प्रभावित करेगा। महाविद्यालय को लेखिका की रचनात्मक उपलब्धियों पर गर्व है। उनकी लेखनी इसी तरह चलती रहे, यही शुभकामनाएँ हैं।

वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने उपन्यास की लेखिका के संदर्भ में कहा कि उनका व्यक्तित्व बहुआयामी है।वह संवेदनशील अनुभूतियों की कवयित्री हैं। उनका यह पहला उपन्यास अभिप्रेरणा और संवेदना एक साथ व्यक्त करता है। यह शोध और समर्पण का सुखद परिणाम है।

वहीं उपन्यास की लेखिका डॉ. भावना शेखर ने विस्तार से अपने उपन्यास की रचना प्रक्रिया और उसके सृजनात्मक पक्ष को सभा के बीच रखा। उपन्यास लेखन के दौरान जिन गहन अनुभूतियों से वह गुजरीं,उसे भी अभिव्यक्त किया।साथ ही उन्होंने उपन्यास के कुछ अंशों का पाठ भी किया।

प्रसिद्ध साहित्यकार और अनुग्रह ज्योति पत्रिका के प्रधान संपादक प्रो.कलानाथ मिश्र ने साहित्य और समाज के अंतर्संबंध पर चर्चा की और साथ ही इस लोकार्पण समारोह का सफल मंच संचालन भी किया।डॉ.हिना तब्बसुम ने कार्यक्रम के अंत में सभा में उपस्थित लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

प्रो.अजय कुमार, प्रो.अरुण कुमार सिंह, डॉ.कृष्णा सिंह, प्रो.बबन कुमार सिंह, प्रो.शैलेश कुमार सिंह, प्रो.सीमा प्रसाद, डॉ.नरेन्द्र कुमार, प्रो.विनोद कुमार झा, डॉ.कुमार शैलेन्द्र , डॉ.संजय कुमार सिंह, डॉ.विद्याभूषण सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं साहित्यिक संस्था आयाम के सदस्य उपस्थित थे।