पटना : दो दिन पहले अरुणाचल प्रदेश में जदयू के 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। जदयू विधायक के भाजपा में शामिल होने के बाद प-रदेश की सियासत गरमा रही है। वहीं, आज जदयू की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में शामिल होने से पूर्व जदयू के महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भाजपा के द्वारा जो हुआ, वह दोस्ती पर सवाल खड़ा करता है।
के सी त्यागी ने कहा कि भाजपा शासित राज्य में जदयू विपक्ष की भूमिका में है, ऐसे में उस प्रदेश में भाजपा के लिए इससे ज्यादा सहज और क्या हो सकता है। इसके अलावा एनडीए के अंदर भाजपा की सबसे मजबूत और भरोसेमंद पार्टी जदयू है, बावजूद इसके पार्टी में शामिल क्यों कराई इसपर बैठक में चर्चा की जाएगी। लेकिन, मित्र होने का मतलब ऐसा नहीं होता है कि सहयोगी दल को कमजोर करें।
लोग अपनी मर्जी से कहीं भी जा सकते हैं
वहीं, इस राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेत्री रेणु देवी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भाजपा जदयू विधायक को तोड़ी नहीं हैं, वे लोग स्वेच्छा से भाजपा में शामिल हुए हैं। और लोग अपनी मर्जी से कहीं भी जा सकते हैं। रेणु देवी ने कहा कि अरुणाचल की घटना का बिहार में कोई असर नहीं पड़ेगा। यहाँ हमलोगों के नेता नीतीश कुमार हैं और उनके नेतृत्व में हमलोग बिहार के विकास के कटिबद्ध हैं।
भाजपा नेता अजीत चौधरी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भाजपा में शामिल होने वाले तमाम विधायक वयस्क हैं, समझदार हैं। संविधान में वयस्क को खुद फैसला लेने की स्वतंत्रता दी गई है। उनलोगों ने जो फैसला वह खुद से लिया है।
सही फैसला ले लीजिये, नहीं तो आप मिटने वाले हैं
वहीं, नीतीश के भविष्य को लेकर राजद छाती पीट रहा है। क्योंकि, जदयू में टूट के बाद राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक को लेकर राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अरुणाचल में भाजपा ने जदयू को जोर का झटका धीरे से दिया। उसी तरह बिहार में भाजपा जदयू को तगड़ा झटका देगी। बिहार के डिप्टी सीएम ने राष्ट्रपति जी से भी मुलाकात कर लिया है, ऐसे में अब अरुणाचल के बाद कहीं बिहार में भी नीतीश कुमार को झटका न खाना पड़ जाए। कैबिनेट विस्तार के पहले भाजपा अपनी पार्टी का विस्तार न कर ले। राजद यही कहना चाहेगी कि नीतीश कुमार जी अब सही फैसला ले लीजिये, नहीं तो आप मिटने वाले हैं।