Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured Swatva Trending पटना बिहार अपडेट बिहारी समाज राजपाट

जदयू का दामन थामने पांडेय जी पहुंचे नीतीश दरबार

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गलियारों में गहमा गहमी का जारी है। राजधानी पटना में हर रोज कोई न कोई के नेता अपने पहले पार्टी का दामन छोड़ दूसरे का दामन पकड़ रहे हैं। इस बीच अब पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे वीआरएस लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात किया। मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात एक अणे मार्ग में हुई है और जिसके बाद वह जदयू कार्यालय पहुंचे।

मालूम हो कि गुप्तेश्वर पांडेय भले ही राजनीति में आने से पहले भूमिका बना रहे थे कि वह जनता के कहने पर राजनीति में आएंगे। लेकिन सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार वह बहुत जल्द जेडीयू में शामिल हो जाएंगे। मालूम हो कि कल से ही बिहार के पूर्व डीजीपी लगातार नीतीश कुमार के लिए सोशल मीडिया पर तारीफ के पुल बांधे जा रहे हैं।वह कह रहे थे कि नीतीश कुमार बहुत अच्छे इंसान हैं। उन्होंने मुझे बिहार का डीजीपी बनाया हैं। डीजीपी रहने के दौरान मुझे काम करने की पूरी आजादी दी थी। मुझे उनका काम करने का तरीका बहुत पसंद हैं।

नीतीश कुमार को धन्यवाद देने के लिए जनता दल ऑफिस पहुंचे

वहीं गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि नीतीश कुमार को धन्यवाद देने के लिए जनता दल ऑफिस पहुंचे थे। गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि वह अभी चुनाव लड़ने को लेकर कोई रणनीति नहीं बनाए हैं। आज केवल नीतीश कुमार से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुझे स्वतंत्र रूप से मेरे कार्यकाल में मुझे काम करने दिया इसीलिए आज उन्हें जेडीयू कार्यालय में धन्यवाद देने आया हूं। चुनाव लड़ने की अभी तक कोई मंशा नहीं है।

मालूम हो कि पांडेय की नजर बक्सर सीट पर हैं। इसलिए वह बिना एनडीए में सीट बंटवारे के पहले किसी पार्टी में शामिल होना नहीं चाहते हैं। गुप्तेश्वर पांडेय को लग रहा था कि अगर वह जेडीयू में गए और बक्सर सीट जेडीयू के खाते में नहीं आई तो वह क्या करेंगे। बक्सर सीट पहले से ही बीजेपी की रही है। ऐसे में सीट अगर बीजेपी को मिलती है तो वह बीजेपी में भी शामिल हो सकते हैं।

बक्सर सीट को देखते हुए गुप्तेश्वर पांडेय अपनी चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं। अगर कल सीट बंटवारा हो जाए तो अगले दिन गुप्तेश्वर पांडेय जिसको भी बक्सर सीट मिलेगा उसमें शामिल हो सकते हैं। वह आगे का रास्ता अपना खुला रखना चाहते हैं। अगर वह जेडीयू में शामिल हुए तो परेशानी में पड़ जाएंगे। इसलिए वह जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं।