कांग्रेस ने जिस संवेदनशील क्षेत्र को किया नजरअंदाज, वहीं अटल जी ने लाई नई स्वास्थ्य नीति
पटना : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने रविवार को बिहार भारतीय जनता पार्टी चिकित्सा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित चिकित्सा जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ मनोज कुमार ने की। इस जनसंवाद में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कांग्रेसी एवं उनके सहयोगी दलों ने स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्र को हमेशा नजरअंदाज करते रहे। अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में देश में पहली बार नई स्वास्थ्य नीति लाने का काम किया गया।
चौबे ने कहा कि जहां दिल्ली में एक एम्स था। उन्होंने पूरे देश में अपने कार्यकाल 6 एम्स देने का कार्य किया। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आयुष्मान भारत योजना, 23 एम्स की स्थापना, नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू की गई है। जिससे भारत की चिकित्सा स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत हुई है। आयुष्मान भारत योजना से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को स्वास्थ्य बीमा मिला है। उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बिहार को दिया एम्स
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बिहार को पटना एम्स दिया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए उत्तर बिहार के दरभंगा में एम्स देने का काम किया है। कोविड-19 के संक्रमण काल में एनडीए की सरकार ने किसी तरह की कोई भी कमी नहीं छोड़ी। आज देश का रिकवरी रेट 80 फ़ीसदी से अधिक है। वहीं बिहार का रिकवरी रेट 90 फ़ीसदी से अधिक है।
टेस्टिंग, ट्रैकिंग एवं ट्रीटमेंट का नतीजा है कि लगातार बेहतर हो रहा रिकवरी रेट
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि टेस्टिंग, ट्रैकिंग एवं ट्रीटमेंट का नतीजा है कि लगातार रिकवरी रेट बेहतर हो रहा है। इस जंग को जनता के सहयोग से हर हाल में जीतेंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने कोरोना के विरुद्ध जंग में बिहार को हर संभव मदद उपलब्ध कराया है। ऑक्सीजन वेंटीलेटर, सिलेंडर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, एचसीक्यू टैबलेट, एन 95 मास्क, पीपीई किट, आरटीपीसीआर लैब, कोबास, एवं नेशनल हेल्थ मिशन के तहत विरुद्ध जंग में 300 से अधिक करोड़ रुपए लगभग की राशि उपलब्ध कराई गई।
भारत सरकार के सहयोग से पटना के बिहटा, एवं मुजफ्फरपुर के पताही में 500- 500 बेड का अस्पताल बनाया गया। पटना एम्स को कोविड डेडीकेटेड हॉस्पिटल में बदला गया। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने चिकित्सा प्रकोष्ठ से जुड़े हुए सभी चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों सामाजिक संगठनों से आह्वान किया कि मौजूदा समय में जागरूकता ही बचाव है। मास्क व 2 गज की दूरी ही वैक्सीन है। इसका लोग पालन करें। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाना है। सभी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कोविड-19 के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार ने जो कार्य किए हैं उसे जनता को बताना है।
वहीं दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिथिलांचल के क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित हुए। स्वास्थ्य के क्षेत्र में दरभंगा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल एवं एम्स स्थापना एक बहुत बड़ी सौगात है। जो आने वाली कई पीढ़ियों तक याद किया जायेगा। बिहार खासकर उत्तर बिहार के स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती प्रदान करेगी।