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लालू-राबड़ी की छाया से बाहर निकलने को बेताब तेजस्वी, जदयू भाजपा का निशाना झांसे में नहीं आएगी जनता

पटना :  चुनाव की सरगर्मी बढ़ते ही पोस्टर की राजनीति शुरू हो गई है। चुनाव को लेकर सभी दलों के तरफ से अलग-अलग पोस्टर जारी किए जा रहे हैं। आमतौर पर पोस्टर व बैनर पर वैसे लोगों की तस्वीर होती है, जो पार्टी के चर्चित और जनाधार वाले नेता होते हैं।

लेकिन, इस चुनाव में राजद ने बड़ा एक्सपेरिमेंट करते हुए राजधानी के अलग-अलग जगहों पर राजद द्वारा चस्पाये गए पोस्टर से तेजस्वी को छोड़कर सारे नेता गायब हैं।

राजद द्वारा जारी पोस्टरों पर साफ देखा जा सकता है कि राजद के संस्थापक लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत राजद के किसी भी नेताओं को पोस्टर पर जगह नहीं दी गई है।

बिहार चुनाव को लेकर जारी इस तरह के पोस्टर को लेकर कहा जा रहा है कि राजद तेजस्वी के ऊपर निर्भर हो गई है। यानी पोस्टर के जरिये तेजस्वी को आत्मनिर्भर दिखाया गया है।

इस मसले को लेकर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव अब आत्मनिर्भर हैं इसमें कोई शक नहीं। वे महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार हैं। लालू प्रसाद की तस्वीर तो जनता के दिल में लगी है। पोस्टर में रहने न रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता।

वहीं जदयू नेता व बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव अब लालू की छवि से बाहर निकलना चाह रहे हैं। लालू शासनकाल के 15 सालों का बोझ लेकर चलने में वे परेशान हैं। जनता के बीच अब अलग परसेप्शन बनाना चाह रहे हैं। लेकिन सभी जानते हैं कि राजद जेल से ही चल रही है। चाहे पोस्टर पर कोई भी हो।

लालू प्रसाद की इमेज से बाहर नहीं आ सकते तेजस्वी

वहीं भाजपा नेता नीतीश मिश्रा ने कहा कि तेजस्वी भले अपना चेहरा चमका लें। लेकिन वे लालू प्रसाद की इमेज से बाहर नहीं आ सकते। 1990 से 2005 का शासन बिहार में काला अध्याय के समान है। बिहार की जनता उस शासन को नहीं भूल सकती।