बिना कारण बताए रद्द किए गए म्यूटेशन के मामलों की होगी जांच
पटना : राज्य में जमीन संबंधी मामलो के निपटाने के लिए ऑनलाइन सेवाओं में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए ऑनलाइन सेवाओं को दुरुस्त किया जाएगा । इसके साथ ही दाखिल खारिज आदि सरजमीनी सेवाओं को कारगर बनाया जाएगा। इस बात की जांच की जाएगी की निर्धारित समय बीतने के बाद भी म्यूटेशन के लाखों मामले लंबित क्यों पड़े हैं ? इसके लिए किस स्तर के कर्मचारी और अफसर दोषी है?इसी प्रकार इस बात की छानबीन की जाएगी म्यूटेशन के नौ लाख (9,15 418) मामले क्यों रद्द किए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक राज्य के विभिन्न अंचलों से आम शिकायत आ रही है कि उनके दाखिल खारिज के मामलों को, आवेदन को बिना कारण बताए रद्द कर दिया जाता है। महीनों लटका कर रखा जाता है। फिर मोटी राशि यानी रिश्र्वत वसूल करने के बाद उसे मंजूर भी कर लिया जाता है। मालूम हो कि इन सब कारणों और शिकायतों की छानबीन करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने आईटी मामलों में दक्ष नए अफसर तैनात किए हैं।
ऑनलाइन सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए नए कदम
ऑनलाइन सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए नए कदम उठाए हैं । आईटी सेल में दो वरिष्ठ जानकारों को तैनात किया गया है जो कंप्यूटर इंजीनियर से लेकर प्रबंधन कार्य में विशेषज्ञ हैं। उनके जिम्मे ऑनलाइन दाखिल खारिज, जमाबंदी में सुधार, चकबंदी से लेकर सर्वे कार्य भी है। प्राय यह देखा गया है कि तकनीकी समस्या के कारण जिलों में ऑनलाइन सेवाएं सही ढंग से नहीं चल पा रही हैं। नए आईटी सेल से सारे मामलों की समीक्षा की जाएगी। उन तकनीकी कमियों को दूर किया जाएगा।
विभाग ने एक नया सॉफ्टवेयर भी बनाया है उसके तहत कोई अफसर आवेदनों को अधिक दिनों तक अपने पास लंबित नहीं रख सकता है । विभाग को हर स्तर पर पेंडिंग के मामले की जानकारी मिल जाएगी। हल्का कर्मचारी से लेकर अंचल निरीक्षक, अमीन और सीओ तक काम पर नजर रखने की व्यवस्था इसी आईटी सेल से होगी। राज्य में अभी 7.30 लाख मामले लंबित हैं । इसमें हल्का कर्मचारियों के पास लगभग दो लाख मामले लंबित हैं । ऑपरेटरों के पास 55,000 तो सीओ, अंचल निरीक्षक के पास भी लगभग 40,000 मामले लंबित हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कल ही सभी अंचल अधिकारियों को दाखिल खारिज के मामले जल्द निपटाने के निर्देश दे दिए हैं। इस मामले में कोताही बरतने वाले अफसरों पर कोई कार्रवाई की जाएगी।