पटना: एनजीटी की रोक के बावजूद राज्य के विभिन्न हिस्सों में बालू का अवैध खनन जोरों पर है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण यानी एनजीटी हर वर्ष 3 महीनों के लिए नदी घाटों से बालू के खनन पर रोक लगाती है। यह रोक 30 सितंबर तक जारी रहेगी।
लेकिन, चुनाव के इस मौसम में अवैध कमाई को बढ़ाने के लिए कई नए माफिया बालू के अवैध खनन में लग गए हैं। इसके कारण नदियों का जमकर दोहन हो रहा है।
पटना एवं भोजपुर जिले में खासकर सोन नदी के लाल बालू के लिए अपराधियों का जमावड़ा पहले सुबह से लेकर देर रात तक लगा रहता है। भोजपुर, कोईलवर पटना, बिहटा, मनेर, पालीगंज, नौबतपुर आदि आधा दर्जन थाना पुलिस की मिलीभगत से अवैध खनन हो रहा है।
बालू के अवैध धंधे में लगे लोगों की धरपकड़ के लिए अब राज्य में बालू, गिट्टी आदि लघु खनिज के अवैध खनन के लंबित मामले का निपटारा कार्य को तेज किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस बाबत त्वरित कदम उठाने का निर्देश दिया
सूत्रों के मुताबिक पटना, भोजपुर, रोहतास, सासाराम आदि लगभग दर्जनभर जिलों में बालू के अवैध खनन के बढ़ते मामलों से सरकार चिंतित हो गई है। इसके लिए बालू माफियाओं से लेकर अन्य स्थानों पर संगठित तरीके से किए जा रहे अवैध खनन को रोकने के लिए करवाई करने की रणनीति भी बनाई जा रही है। इसके लिए डीएसपी स्तर के अधिकारियों को लगाया जाएगा।
दूसरी ओर खनन विभाग ने भी सभी संबंधित थानों से अवैध खनन के मामले में किए गए कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।विभाग ने पुलिस से लंबित मामलों की पूरी जानकारी मांगी है। यह पूछा गया है नामजद अभियुक्तों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है। एनजीटी ने भी सरकार से सोन नदी में हो रहे अवैध खनन के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
खनन विभाग ने पुलिस से पिछले 1 साल में लंबित मामलों का ब्यौरा मांगा है। यह पूछा गया है कि अभियुक्तों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है। कितनों को सजा मिला है। विभाग की टीम ने भी कई मामलों की जानकारी दी है।
अधिकतर मामलों में नामजद अभियुक्तों के बाहर के खिलाफ कोई कारगर कार्रवाई नहीं हो सकी है। सिर्फ पटना जिले में 1 साल में लगभग 500 एफ आई आर हुए हैं।
लेकिन अधिकतर मामलों में पुलिस का रवैया ढुलमुल वाला है। स्थानीय थाना पुलिस की मिलीभगत के कारण अवैध खनन के घटना को अंजाम दिया जा रहा है। छापामारी लीक हो जा रही है। कई स्थानों पर बालू माफिया, संगठित अवैध खनन करने वाले ही खनन विभाग की टीम पर हमला कर दे रहे हैं। इसके कारण कारगर कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
संसाधनों की कमी के बावजूद पटना जिले के खनन अधिकारियों ने गत माह में एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी कर 12 ट्रैक्टर, ट्रक आदि खनन के उपकरण भी बरामद किए हैं। ट्रकों को जप्त किया गया है । बिहटा, रानी तालाब, बख्तियारपुर, नौबतपुर, भगवान गंज कादिर गंज ,अमनाबाद, मोरही आदि कई स्थानों पर छापेमारी के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई।
उन सभी की प्रगति रिपोर्ट तलब की गई है। कई जगह पर अभियुक्तों का कनविक्शन नहीं हो सका है, सुपर विजन का कार्य भी रुका पड़ा है।
मालूम हो कि पुलिस की मिलीभगत के कारण ही अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है। खान विभाग की टीम के पास समुचित हथियार एवं संख्या बल नहीं होता है, जिसके कारण हुए अकेले कहीं छापेमारी नहीं कर सकते हैं।