नई दिल्ली : राज्यसभा के उपसभापति के लिए हरिवंश के नाम की घोषणा सोमवार को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने की। एनडीए की ओर से हरिवंश उम्मीदवार थे, वहीं यूपीए के साझा उम्मीदवार के रूप में राजद के मनोज झा थे। सोमवार को मानसूत्र सत्र के पहले दिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरिवंश के नाम का प्रस्ताव लाया। नड्डा के प्रस्ताव पर विरोधी ने वोटिंग की मांग नहीं की। परिणामत: प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया।
कौन हैं हरिवंश नारायण सिंह?
30 जून 1956 को बलिया के सिताबदियारा गांव में जन्मे हरिवंश नारायण सिंह ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई की है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में डिप्लोमा के दौरान ही वर्ष 1977-78 में टाइम्स ऑफ इंडिया समूह मुंबई में प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में उनका चयन हुआ था। धर्मयुग में 1981 तक उप संपादक रहे। इसके बाद 1981-84 तक हैदराबाद एवं पटना में बैंक में नौकरी करने के बाद वर्ष 1984 में हरिवंश सिंह वापिस पत्रकारिता में आए और 1989 अक्तूबर तक आनंद बाजार पत्रिका समूह से प्रकाशित ‘रविवार’ साप्ताहिक पत्रिका में सहायक संपादक रहे।
इसके बाद हरिवंश ने वर्ष 1990-91 में कुछ महीनों के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार रहे। इसके बाद लगभग दो दशक से अधिक समय तक हिंदी दैनिक ‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक रहे हरिवंश को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने 2014 में पहली बार राज्यसभा में भेजा और 8 अगस्त, 2018 को, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में छह साल के कार्यकाल के लिए राज्यसभा के उप सभापति के रूप में निर्वाचित हुए।