गया पहुंची केंद्रीय टीम, कोरोना संकट से निपटने के लिए अधिकारियों को दिए महत्वपूर्ण सलाह
पटना : बिहार में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आलम यह है कि राजधानी पटना में बीते सात दिनों में हर घंटे औसतन आठ से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज मरीज मिल रहे हैं। इस बीच बिहार में कोरोना महामारी की जमीनी हकीकत को जानने केंद्रीय टीम रविवार को पटना पहुंची।
बिहार में कोरोना से मुकाबले के लिए किए जा रहे प्रयासों का लिया फीडबैक
इसके बाद पटना में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ हुई लंबी बैठक के दौरान केंद्रीय टीम ने बिहार में कोरोना से मुकाबले के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर फीडबैक लिया। इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों ने केंद्रीय टीम को जो जानकारी दी उस पर सेंट्रल टीम ने संतुष्टि नहीं जताई है।
केंद्रीय टीम के साथ सर्किट हाउस गया में हुई बैठक
जिसके बाद केंद्रीय टीम सोमवार को गया पहुंच चुकी है। केंद्रीय टीम ने गया पहुंचकर जिले के आला अधिकारियों के साथ बैठक की है। केंद्रीय टीम के साथ सर्किट हाउस में हुई बैठक में गया के डीएम, सिविल सर्जन, एएनएम एनएमएमसीएच के अधीक्षक और एसएसपी भी मौजूद रहे हैं। केंद्रीय टीम ने गया में कोरोना मरीज से निपटने के लिए किए गए इंतजामों पर फीडबैक लिया है।
केंद्रीय टीम ने गया शहर के पीरमंसूर रोड और जीबी रोड इलाके में बनाए गए कंटेनमेंट जोन का दौरा भी किया है। कंटेनमेंट जोन में मुस्तैदी को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए हैं साथ ही साथ कोरोना को ट्रैक करने के लिए कैसे सिस्टम डेवलप किया जाए और इस पर केंद्रीय टीम ने सलाह भी दिया।
मालूम हो कि राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने केंद्र को पत्र लिख कर मदद मांगी थी, जिसके बाद केंद्र द्वारा केंद्रीय जांच कमिटी की टीम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेट्री लव अग्रवाल के नेतृत्व में बिहार पहुंची है। हालांकि सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार केंद्रीय टीम ने राज्य के अधिकारियों को साफ तौर पर कह दिया है कि कोरोना संक्रमण से मुकाबले के लिए जिस मॉडल पर बिहार आगे बढ़ रहा है वह उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं देगा। मुंबई और दिल्ली मॉडल को अपनाने का सुझाव केंद्रीय टीम ने दिया है।