लॉकडाउन के बाद उठी पलायन और बेरोज़गारी की समस्या के बीच पटना के कुछ युवाओं ने मानवता और इंसानियत की नई मिसाल पेश की है| राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमण के रोकथाम के मद्देनजर लिए गए कठोर निर्णयों के फलस्वरूप प्रवासी मजदूरों का अपने घरों की तरफ पलायन बिहार में एक बड़ी समस्या बन चुकी है|
इसी क्रम में राजधानी पटना में भारत विकास परिषद के शास्त्री नगर शाखा से पवन कुमार केजरीवाल, डॉ राकेश रंजन (प्राध्यापक, पटना यूनिवर्सिटी), आयुष, विवेक, शुभम एवं साथियों ने इस विकट परिस्थिति में मोर्चा संभाला| मुहिम की शुरुआत राष्ट्रीय राजमार्ग पर भोजन, मास्क, सैनेटाईजर इत्यादि वितरण से आरंभ हुई, लेकिन जल्दी ही जरूरतमंदो की बड़ी संख्या और तकलीफों को मद्देनज़र रखते हुए, इस अभियान को बड़े स्तर पर लागू करने की कवायद शुरू की गई।
सर्वप्रथम उन लोगो को चिन्हित कर उनकी सूची बनाई गई, जो अभी तक सरकारी सुविधाओं से किसी भी तरह से मरहूम थे।
पटना के अंदर कंकड़बाग, दीघा, राजेंद्रनगर और कुर्जी के इलाकों में सरकारी दिशनिर्देशों को ध्यान में रखते हुए विगत 14 दिनों से लगातार गरीब और जरूरतमंदो को तकरीबन एक से डेढ़ महीने का राशन, मास्क, साबुन एवं अन्य जरूरत की चीजों का वितरण अनवरत जारी है। कोरोना से उत्पन इस त्रासदी के बीच युवाओं का ये भगीरथ प्रयास एक बड़ी राहत है।