पटना : पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि कोरोना से संक्रमित मरीजों की इलाज में इस्तेमाल किए जा रहे दवा की कालाबाजारी पूरे देश में दवा माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों के परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार इस बीमारी में इस्तेमाल किए जा रहे दवा Remdesivir, Favipiravir और Tocilizumab खुले मार्केट में नहीं मिल रहा है। परिजन ब्लैक मार्केटिंग से दलालों के माध्यम से दलालों के मन मुताबिक दाम पर खरीदने पर मजबूर हो रहे हैं। ब्लैक मार्केटिंग से खरीदारी में भी परिजनों को काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है। संक्रमण के शिकार हो चुके लोगों के परिजनों के बीच अफरा-तफरी का माहौल है। दवा की कालाबाजारी खुदरा विक्रेताओं द्वारा भी किया जा रहा है।
बीमारी का फायदा उठाकर धन अर्जित करने में लगे हैं दवा व्यापारी
वर्मा ने कहा कि वैश्विक महामारी की वजह से संक्रमण के शिकार हो चुके लोग एक तरफ मौत के भय से जिंदगी बचाने के लिए काफी जद्दोजहद कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ दवा के कालाबाजारी में लिप्त माफियाओं द्वारा इस बीमारी का फायदा उठाकर धन अर्जित करने में लगे हैं। केंद्र एवं राज्यों की सरकारों द्वारा संक्रमण के इस काल में लोगों की जिंदगी बचाने के लिए योजना पर योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मानवता को कलंकित करने वाला इन दवा माफियाओं द्वारा घिनौना कृत्य किया जा रहा है। ऐसे क्रूर दवा माफियाओं को मृत्यु दंड की सजा दी जाए तो भी कम है।
खुदरा दवा विक्रेता एजेंसी से दवा खरीद, दलालों को सौंप देते हैं।जब कोई पीड़ित दवा खरीदने जाता है तब कोई न कोई तरीका अपनाकर खुदरा दुकानदार पीड़ित के परिजन को दवा आउट ऑफ मार्केट है का बहाना बनाकर दलालों के पास भेज देते हैं।
इस बीच पप्पू वर्मा ने केंद्र एवं राज्यों के सरकारों से मांग किया है कि पीड़ितों के परिजनों के परेशानियों को देखते हुए सरकार ऐसी व्यवस्था करे जिससे कोरोना अस्पताल में दवा की कमी ना हो। इसके अलावा केंद्र सरकार दवा कंपनियों को सख्त निर्देश दे कि कंपनी अपने स्तर से प्रत्येक एजेंसी के माध्यम से टॉल फ्री नंबर जारी करे जिससे उस नंबर के जरिए आम लोंगो को आसानी से दवा उपलब्ध हो सके।
इसके साथ ही केंद्र एवं राज्यों की सरकारों द्वारा भी टॉल फ्री नंबर अलग से जारी किया जाए ताकि दवा की कालाबाजारी में लिप्त लोगों के खिलाफ उपभोक्ता सीधे अपनी बात सरकार तक पहुंचा सके। दवा कालाबाजारी में लिप्त पाए जाने पर दोषियों को उम्र कैद या मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया जाए।