चाचा के नाम चिराग का पत्र, नीतीश, पारस और प्रिंस को दिया जवाब

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नई दिल्ली : लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में चल रहे सियासी घमासान के बीच लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने आज एक सार्वजनिक पत्र लिखा है। चिराग पासवान ने इस पत्र के जरिए जदयू और नीतीश कुमार का असल चेहरा दिखाने की कोशिश की है।

चिराग का पत्र

 

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चिराग ने चार पन्ने का खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि “कोरोना महामारी की पहली व दूसरी लहर में हम सभी ने कुछ ना कुछ खोया है। पिछले वर्ष 8 अक्टूबर 2020 को लोक जनशक्ति पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति का दिन था जब हम सबने हमारे नेता, हमारे आदर्श आदरणीय रामविलास पासवान जी को खोया था। यह एक ऐसा कठिन दौर था जब चुनाव सर पर थे, पर आप सबके आशीर्वाद से हम सबने मजबूती चुनाव लड़ा और 25 लाख वोट पाकर पार्टी ने एक नई ऊंचाई हासिल की 8 प्रतिशत का मत हम लोगों ने तब हासिल किया। जब हम लोग 135 सीटों पर चुनाव लड़े। यदि बची हुई 100 से अधिक सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ती तो यकीनन यह मत 10 प्रतिशत से अधिक होता।”

बिहार विस में मात्र 15 सीट लोजपा को

चिराग ने कहा कि “चुनाव अकेले लड़ने का फैसला ना सिर्फ राजनीतिक बल्कि सैद्धांतिक तौर पर भी जरूरी था। जब एक तरफ गठबंधन में मात्र 15 सीटें पार्टी को लड़ने के लिए दी जा रही थी, जो कहीं से भी तार्किक नहीं था। तो वहीं दूसरी तरफ समझौता हमें एक ऐसे राजनीतिक दल से करना था जिनकी नीतियों का विरोध सदैव हमारे नेता रामविलास पासवान जी ने किया था।

JDU ने हमेशा से की है LJP को तोड़ने की कोशिश

उन्होंने इस पत्र के जरिए कहा है कि जदयू ने हमेशा से लोजपा को तोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है कि 2005 फरवरी के चुनाव में जदयू द्वारा लोजपा के 29 विधायकों को तोड़ा गया और साथ ही साथ बिहार प्रदेश के अध्यक्ष को भी तोड़ने का काम किया गया। वहीं इसके बाद 2005 नवंबर में हुए चुनाव में लोजपा के सभी जीते हुए विधायकों को तोड़ने का काम जदयू द्वारा किया गया। उसके बाद 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भी लोजपा के एक मात्र जीते हुए विधायक को भी तोड़ने का काम जदयू द्वारा किया गया। इसके बाद बीते कुछ दिनों में लोजपा के 5 सांसदों को तोड़ जदयू द्वारा बाटों करो की रणनीति को दोहराया गया है।

नीतीश ने किया रामविलास के राजनीतिक हत्या का प्रयास

चिराग ने जदयू पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि रामविलास पासवान जी के जीवनकाल में कई बार नीतीश कुमार द्वारा उनकी राजनीतिक हत्या का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार ने मुझे और मेरे पिता को अपमानित करने का और राजनीतिक तौर पर समाप्त करने का कोई मौका नहीं छोड़ा।”

लोकसभा चुनाव में लोजपा को हराने की कोशिश में था जदयू

चिराग ने कहा कि 2014 में हमारा गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के साथ था तब नीतीश कुमार जी मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के मुद्दे पर एनडीए से अलग हुए थे।2017 में जब नीतीश कुमार वापस रातों रात एनडीए गठबंधन का हिस्सा बने तो इससे पापा काफी विचलित थे और नीतीश कुमार के साथ काम करने में सहज नहीं थे। परन्तु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में विश्वास रखते हुए और गठबंधन की मर्यादा को निभाते हुए 2019 लोकसभा का चुनाव नीतीश कुमार के साथ लड़ने का फैसला लिया गया। लोकसभा के चुनाव में हमारे 6 सांसदों को हराने मे जनता दल यूनाइटेड के नेताओं में कोई कसर नहीं छोड़ी।

पारस के सवाल का मिला जवाब

चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस द्वारा पूछे जा रहे सवाल पर कहा कि उन्होंने मुझे से पूछा है कि मैंने उन्हें बिहार के अध्यक्ष पद से क्यों हटाया ? इसका जवाब देते हुए चिराग ने कहा कि जब पशुपति पारस को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया, उस वक्त लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान थे।

रामविलास ने नहीं समझा चिराग और प्रिंस में फर्क

चिराग ने कहा है कि मुझ में और प्रिंस में पापा ने कभी कोई फर्क नहीं समझा। पापा चाहते थे कि उनके रहते और चाचा जी के मार्गदर्शन में प्रिंस अपनी जिम्मेदारियों को समझ ले। इसीलिए उन्होंने चाचा की जगह प्रिंस को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया।

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