बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शिक्षा और रोजगार हो मुख्य मुद्दा – पप्पू वर्मा

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पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हर पार्टी पूरी ताकत के साथ तैयारी करने में जुटी हुई है। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्य मुद्दा 15 साल बनाम 15 साल होने वाला है।इस बीच बिहार में कई मशहूर राजनीतिक नेता देने वाला पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार मुख्य मुद्दा स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार हो।

जनता तय करें किसकी सरकार बेहतर ,किन जनप्रतिनिधियों ने किया बेहतर कार्य

पप्पू वर्मा ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में स्वास्थ, शिक्षा और रोजगार ही मुख्य मुद्दा होना चाइए। उन्होंने कहा कि बिहार के जनता को यह तय करना होगा स्वास्थ्य ,शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर बात करने वाले एवं अपने विधानसभा में जिन जनप्रतिनिधियों ने इन तीनों मुद्दे पर कुछ काम किया है ऐसे जनप्रतिनिधियों को ही जनता वोट करें। वर्मा ने कहा कि राजद के शासनकाल में बिहार में बड़े पैमाने पर रोजगार शिक्षा और स्वास्थ्य की हालत दयनीय था। उन्होंने कहा कि उन लोगों का ही परिणाम है कि आज ईस्ट का ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला पटना विश्वविद्यालय जैसे नामचीन विश्वविद्यालय को भी अपनी गरिमा बचाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है।

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शिक्षा का स्तर बेहतर करने का प्रयास जारी

ईस्ट का ऑक्सफोर्ड कहां जाने वाला पटना विश्वविद्यालय रैंकिंग के लिए आवेदन के भी काबिल नहीं है। सभी सरकारी विद्यालयों व महाविद्यालयों की स्थिति जर्जर एवं दयनीय है। एनडीए गठबंधन में स्वास्थ्य व्यवस्था में थोड़ा सुधार हुआ है स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है।मालूम हो कि एनडीए गठबंधन से पूर्व बिहार शिक्षा के मामले में सभी स्तरों पर फेल हो चुका था स्थिति काफी दयनीय थी स्वास्थ्य का उसी तरह खस्ताहाल था। आज एनडीए गठबंधन के द्वारा बिहार के प्रत्येक जिला के लोग जो स्वास्थ्य के मामला में पटना की ओर ही मुंह ताकते नजर आते थे आज उनको छोटी-मोटी बीमारियों के लिए पटना नहीं आना पड़ता है। आज सभी जिला में स्थानीय अस्पताल की व्यवस्था हो चुकी है। बहुत जल्द ही आधुनिक अस्पताल की स्थापना हो जाएगा जिससे स्थिति और भी बेहतर हो जाएगी।

सिर्फ चुनाव के समय ही क्यों नजर आते हैं जनप्रतिनिधि

वर्मा ने कहा कि जब भी बिहार में विधानसभा चुनाव आता है तो बिहार को जंगलराज देने वाले पार्टी के कई ऐसे जनप्रतिनिधि जो 2 बार 3 बार 4 बार या 5 बार अपने-अपने विधानसभा से चुनकर विधायक बने हुए हैं, उसके बावजूद भी अपने विधानसभा में एक आदर्श विद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, महाविद्यालय को व्यवस्थित नहीं कर पाए हैं ना ही कोशिश किया। लेकिन वो लगातार विधानसभा चुनाव में बेशर्म होकर अपने-अपने पार्टियों से टिकट लेकर जनता के बीच वोट मांगने चले आते हैं। एक बार पूरे बिहार वासियों को इमानदारी पूर्वक मन बनाना होगा ऐसे जनप्रतिनिधियों को ही अपने क्षेत्र में जीतने दें जो स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार के बुनियादी सुविधा की बात करने वाले या उन्होंने अपने विधानसभा में कुछ किया है ऐसे जनप्रतिनिधियों को ही चुनाव में वोट मांगने व खड़ा होने का अधिकार है।

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