अवैध खनन रोकने चलेगी मुहिम, होगी छापेमारी
पटना।
राज्य में अगले माह से बालू के अवैध कारोबार को रोकने के लिए सघन मुहिम शुरू की जाएगी। अभी एनजीटी की रोक के बावजूद धड़ल्ले से बालू का अवैध खनन हो रहा है। एनजीटी राज्य में 1 जुलाई से 30 सितंबर तक के लिए बालू के खनन पर रोक लगाती है इस वर्ष रोक की अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगी।
खान एवं भूतत्व विभाग ने पाया कि प्रतिबंध के बावजूद संगठित बालू माफिया पोकलेन और जेसीबी के सहारे बालू खनन कर बिक्री कर रहे हैं। इन सब मामलों को रोकने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग स्थानीय पुलिस बल के साथ छापेमारी शुरू करेगा । कुछ जगह कार कार्रवाई शुरू भी हो गई है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक भोजपुर ,रोहतास से लेकर पालीगंज, बिहटा, मनेर आदि स्थानों में सोन नदी के बालू का अवैध खनन हो रहा है ।
इस खनन के बाद निकाले गए बालू की अवैध धुलाई नाव के रास्ते की जा रही है । आधी रात के बाद से नावों से और ट्रकों से बरास्ता जेपी सेतु बालू की अवैध ढुलाई होती है। लघु खनिज व्यवसायियों ने इस मामले में पूरी जानकारी खान विभाग को सौंपी है। पटना , लखीसराय अरवल आदि स्थानों पर बालू की अवैध निकासी की खबर से खान विभाग चौकन्ना हो गया है।
खान विभाग की टीम ने गत माह पटना जिले के सीमा पर लखीसराय के निकट पांच महला में छापेमारी कर 3 लोगों को अवैध बालू के साथ गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में एफआई आर दर्ज कर ली गई ।
तीन ट्रैक्टर बालू और दो जेसीबी मशीनें भी जब्त की गई है। सूत्रों के मुताबिक करीब दर्जनभर जिलों में अवैध खनन हो रहा है, लेकिन सर्वाधिक मांग सोन नदी के बालू की ही है । इसलिए भोजपुर एवं पटना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नदी के दोनों और अवैध खनन की भरमार है। सड़क पर पुलिस की चौकसी से अवैध खनन करने वाले नावों से बालू की ढुलाई हाजीपुर तक कर रहे हैं । इसके बाद उत्तर बिहार की ओर बालू भेज दिया जाता है । सभी अवैध खनन वाले स्थानों को चिन्हित कर संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को जानकारी भेजी जा रही है। इन जिलों में स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर अभियान चलाया जाएगा।
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