बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जारी की एडवाजरी इसके आधार पर ही बिहार में खुल सकते हैं स्कूल

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पटना : कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पिछले तीन महीनों से देश के सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय बंद है। हालांकि बच्चों को अपने संपर्क में रखने के लिए और उनके शैक्षणिक सत्र में अत्यधिक नुकसान को बचाने के लिए नई शिक्षा प्रणाली के प्रारूप में जन्म लिया है।इस शिक्षण प्रणाली को ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली के रूप में जाना जा रहा है।

इस बीच राहत की ख़बर यह है कि बिहार के अंदर अगर कोरोना काल में स्कूल खुले तो उसके लिए एक खास गाइडलाइन बनाई जाएगी। बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस संबंध में सरकार को एडवाइजरी जारी की है। यह एडवाइजरी आयोग की अध्यक्ष प्रो प्रमिला कुमारी ने  जारी किया है। जिसमें कई ऐतिहासिक कदमों के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस गाइडलाइन की चर्चा है।

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आयोग की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में शिक्षा विभाग को स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अगर सरकार स्कूलों को खोलने का फैसला लेती है तो बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी का पालन किया जाए । इसके अलावा स्कूलों के साथ-साथ बच्चों और अभिभावकों को भी एडवाइजरी का ख्याल रखने को कहा गया है।

यह है नई एडवाइजरी

स्कूलों को सैनिटाइज किया जाए, पीने के पानी और हाथ धोने के पानी की समुचित व्यवस्था हो, प्रत्येक कालखंड के बाद हाथ धोने की व्यवस्था हो, बच्चों के बैठने के बीच 6 फीट की दूरी रखी जाए, विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण से संबंधित जागरूक करें ,स्कूलों का शौचालय साफ सुथरा हो जिसकी सफाई दिन में दो-तीन बार की जाए, यूनिफॉर्म जूते मोजे अनिवार्य नहीं होने चाहिए जिससे विद्यार्थी धुले हुए कपड़े और सामान जूते चप्पल पहन कर आ सकें,महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई स्कूल में हो। बच्चों की संख्या के आधार पर दो पाली में स्कूल लगा सकते हैं। स्कूल के मुख्य गेट पर बच्चों की स्क्रीनिंग की जाए और हाथ सैनिटाइज किया जाए। स्कूल में बच्चे लंच अपने बैठने के स्थान पर ही करें।

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