बाबरी मस्जिद के नाम पर आवंटित जमीन पर हो अस्पताल का निर्माण :- पप्पू वर्मा
पटना : पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि बाबर आक्रमणकारी ही नहीं आतंकवादी भी था। उसने भारत की संस्कृति को मिटाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा। बाबर बहुत ही क्रूर और घृणित व्यक्ति था। उसने भारत के अस्मिता को लूटा।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत में बाबर के नाम लेने वाले और उसका चिन्ह एवं नामोनिशान को मिटा देने की जरूरत है। तभी भारतवासियों के हृदय पर उन लुटेरों द्वारा दिया गया जख्म पर मरहम लगेगा । बाबर और अन्य मुगल आक्रमणकारियों का नाम और चिन्ह भारत में जहां-जहां भी है, उसे मिटा देना ही समय की मांग है । इन पापियों का चिन्ह भारत के विकास में बहुत बड़ा बाधा और भारत के संस्कृति पर एक बड़ा काला धब्बा है। इन आक्रमणकारियों के वंशजों द्वारा भारत के गांव से लेकर शहर तक की गई जमीनों पर कब्जा हटाने की जरूरत है। जरूरत है जमीनों की सर्वे की।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को चाहिए कि भारत में गांव से लेकर शहर तक मस्जिद, इमामबाड़ा, ईदगाह, कब्रिस्तान, मजार, बफ बोर्ड की जमीन किन-किन आक्रमणकारियों के नाम पर है तथा कितने क्षेत्रफल में है उसकी सर्वे करा कर उनके कब्जे से मुक्त कर आम जनता के हितों के लिए उन जमीनों पर विकास का कार्य अति शीघ्र शुरू हो । इन्हीं जमीनों के नाम पर देश के कुछ मौलाना वर्ग देश का माहौल खराब करते रहते हैं और देश को दीमक की तरह चाटते आ रहे हैं।
ये मौलाना दुष्ट विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर देश के विभिन्न हिस्सों में की गई जमीन कब्जा को मुद्दा बनाकर एवं धार्मिक मुद्दा उठाकर घृणित राजनीति करते रहते हैं और इन्हीं जमीनों के आय से अपने परिवारजनों को विदेश में रखकर उन्हें तो अच्छी तालीम दिलवाले हैं और देश के अपने समुदाय के अन्य युवा वर्ग को भड़का कर देश विरोधी कार्य मे लगा देते हैं। कुछ मौलाना लोग देश के अनेक कब्रिस्तान के जमीन पर व्यापार कर रहे हैं।
पप्पू वर्मा ने कहा कि इतिहास गवाह है कि कभी भी मस्जिद,मजार, ईदगाह, इमामबाड़ा आदि से हुए आमदनी का एक पैसा भी देश में कोई भी आए प्राकृतिक आपदा में नहीं लगाया गया है। वर्मा ने राष्ट्रभक्त मौलानाओं से आहवान किया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाबरी मस्जिद के लिए दी गई 5 एकड़ जमीन को सरकारी अस्पताल निर्माण हेतु सरकार को सौंप दें। यही उनके लिए देश के साथ किए गए पापों का प्रायश्चित होगा।