सरपंच ने ससुराल में पत्नी और ससुर को भी पिटा पहुचा जेल
-मेडिकल टेस्ट के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल
बक्सर : जब न्याय के कुर्सी पर बैठने वाला ही अन्यायी हो जाए तो क्या कहा जाएगा? यह सवाल इसलिए क्योंकि,बक्सर राजपुर प्रखंड क्षेत्र के मंगराव पंचायत का वर्तमान सरपंच संजय सिंह एवम कथित तौर पर इनके सहयोगी योगी साह को पुलिस ने जेल भेजा है। मामले की जानकारी देते हुए राजपुर थाना के प्रशिक्षु डीएसपी मोहम्मद शाहकार खान ने बताया कि बुधवार की देर शाम ये अपने ससुराल थाना क्षेत्र के ही मल्हीपुर गांव में पहुंचकर पत्नी से मारपीट कर रहे थे। इसे देख इनके ससुर कालिका सिंह अपनी बेटी को बचाने का प्रयास किया ।
समझाने बुझाने की बहुत कोशिश भी की । तब तक सरपंच संजय सिंह नशे की हालत में अपने ससुर कालिका सिंह के उपर टूट पड़े। मारपीट कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया। यहां तक कि इन्होंने इनका गला दबाने का भी प्रयास किया। काफी चोट लग जाने से कालिका सिंह अपनी बेटी को लेकर थाने पहुंच गए। कुछ ही देर बाद सरपंच संजय सिंह भी अपने साथी योगी साह को लेकर थाने पहुंच गए। यहां भी इन्होंने अपने ससुराल वालों के साथ अभद्र व्यवहार किया। शराब के नशे में धुत सरपंच को प्रशिक्षु डीएसपी खान वही हिरासत मे लेकर मेडिकल जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा ।जहां से मेडिकल जांच मे शराब की पुष्टी के बाद गुरुवार को इन दोनों को जेल भेज दिया गया। जनकारी देते बताया कि मद्द निषेध अधिनियम के तहत कई धाराओं में इन्हें जेल भेजा गया।
-पंचायत चुनाव के लिए हो सकते हैं अयोग्य घोषित
पंचायत राज अधिनियम के तहत शराबबंदी कानून के बाद अगर कोई भी जनप्रतिनिधि इस तरह की हरकत करते हुए पकड़े जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं, कि यह पंचायत चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो सकते हैं। वही इस बात की जानकारी मिलते ही पंचायत के ग्रामीणों में चर्चा का विषय बन गया। जो व्यक्ति न्याय की कुर्सी पर बैठकर न्याय करता हो। वह खुद इस तरह की हरकत करता हो तो उसके लिए क्या सजा का प्रावधान है?
पतरकोना-आथर मार्ग की स्थिति बदहाल
-ग्रामीणों ने कहा जल्द हो निर्माण
बक्सर: पतरकोना गांव में जाने वाली सड़क जो आथर व परसागंडा को जोड़ती है। उसकी हालत बहुत जर्जर है। बारिश के मौसम में यह कीचड़ से पट जाती है। यहां के युवाओं ने मिडिया को सड़क की तस्वीर भेज बताया कि यह सड़क बन जाए तो गांव का ज्यादा भला होगा। हालांकि यहां एक दूसरी सड़क है। लेकिन, वह सड़क बहुत ही घुमावदार है। लोगों को नाहक कई किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है।
अगर यह सड़क बन जाए तो पतरकोना समेत, आथर व परसागंडा आदि गांवों को लाभ होगा। लेकिन, यह कच्ची सड़क नहीं बन पा रही। युवाओं ने कहा बरसात आते ही लोग फोन पर पूछते हैं। आपके गांव आने लायक है कि नहीं। विकास के इस दौर में सड़क की ऐसी हालत सबको शर्मसार करती है। लेकिन, इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। नावानगर प्रखंड के बेलहरी पंचायत का यह गांव सड़क निर्माण का बाट जोह रहा है।