आत्मसंवाद, आत्मनियमन तथा आत्मविश्वास से हटेगा मेंटल लॉकडाउन : प्रो. शर्मा
पटना : कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस के आइक्यूएसी तथा मनोविज्ञान विभाग द्वारा ‘अनलॉकिंग द मेंटल लॉकडाउन’ विषय पर आॅनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने उद्घाटन भाषण में कहा कि वर्तमान समय में प्रस्तुत विषय पर चर्चा विभाग की एक सराहनीय पहल है। उन्होंने विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस समय कोई भी वर्ग इस महामारी के प्रभाव से अछूता नहीं है। यह लॉकडाउन मूलतः तीन प्रकार से लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है— संक्रमण का भय, नौकरी या व्यवसाय की अनिश्चितता तथा अकेलापन। इसके साथ ही उन्होंने तनाव को इस दौर में स्वयं को सकारात्मक तरीकों से व्यस्त रखने पर बल दिया। विभागाध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार ने अपने स्वागत भाषण में प्रतिभागियों की सक्रियता के लिए उनकी सराहना की तथा तनाव के इस दौर में मानसिक स्वास्थ्य और खुशहाली के उपायों की चर्चा की।
प्रो. जय मंगल देव ने अतिथि वक्ता का सारगर्भित परिचय दिया तथा प्रस्तुत विषय को प्रासंगिकता प्रबल डाला, जिसके पश्चात अतिथि वक्ता इंडियन एकेडमी ऑफ़ अप्लाइड साइकोलॉजी के सचिव प्रो. नवरत्न शर्मा ने प्रस्तुत विषय पर अपना व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान में उन्होंने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने सकारात्मक आत्मसंवाद, आत्मनियमन, मूल्यों तथा आत्मविश्वास को मेंटल लॉकडाउन से उबरने में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यदि हम शोध गुणवत्ता पर ध्यान दें, तो भारतीय मनोविज्ञान तथा उसमें समाहित विकासात्मक उपागम को सर्वोपरि स्थान मिल सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने पाश्चात्य तथा भारतीय मनोविज्ञान को साथ में जोड़ा तथा कहा कि आज की परिस्थिति में संपूर्ण विश्व भारतीय मूल्य, सत्य, अहिंसा, प्रेम, धर्म, साहस, मानवता, न्याय तथा उद्यमिता आदि पर बल दे रहा है।
अतिथि वक्ता के व्याख्यान के पश्चात आईपीए अध्यक्ष प्रो. तारकी जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इसके अतिरिक्त महाविद्यालयों के शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे जिनमें डॉ प्रणव कुमार डॉ रीती तथा निधि सिंह प्रमुख है।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ संगीता सिंह ने की तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ. वंदना मौर्य ने किया। इस कार्यक्रम में मनोविज्ञान विभाग के प्रो. शुभ्र प्रसाद, प्रो. नूतन सिन्हा, प्रो. कीर्ति तथा संयुक्ता के अतिरिक्त अन्य विभागों के शिक्षक भी उपस्थित रहे, जिनमें आइक्यूएसी समन्वयक डॉ संतोष कुमार, प्रो अरविंद कुमार, प्रो. रश्मि अखौरी तथा पो. प्रवीण कुमार हैं प्रमुख हैं। इस कार्यक्रम में दूसरे राज्यों के प्रतिभागियों ने भी अपनी प्रतिभागिता सुनिश्चित की।