एएन कॉलेज के स्थापना दिवस पर बोले मोदी: अपरिहार्य थे अनुग्रह बाबू
पटना : राजधानी पटना के एएन कॉलेज में गुरुवार को बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिन्हा की 133वीं जयंती सह महाविद्यालय का 64वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। अपराहन 12:30 बजे आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने संबोधन में अनुग्रह बाबू द्वारा बिहार के विकास में योगदान का जिक्र करते हुए कहा की अनुग्रह बाबू के द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ किया गया था। वे बिहार सरकार के लिए अपरिहार्य थे। उपमुख्यमंत्री ने वर्तमान भारत-चीन तनाव का जिक्र करते हुए कहा कि हम शहीदों के बलिदान को छुपाते नहीं हैं। उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आज पूरा देश प्रधानमंत्री के संकल्प के साथ है। मोदी ने लोकल के लिए वोकल का जिक्र करते हुए कहा कि हमें स्थानीय उत्पादों को वरीयता देनी चाहिए। महात्मा गांधी ने स्वदेशी अभियान से ही अंग्रेजों के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया था। कोविड-19 की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा अगर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने समय पर लॉकडॉन की घोषणा नहीं की होती, तो नतीजे काफी बुरे हो सकते थे।
उन्होंने महाविद्यालय के प्रधानाचार्य से कॉलेज खुलने के उपरांत मास्क लगाने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण पालन हेतु उपाय करने को कहा। बिहार सरकार तथा भारत सरकार के द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई हेतु दूरदर्शन, वेबसाइट तथा ऐप के माध्यम से चलाए जाने वाले विभिन्न कोर्स की भी उन्होंने जानकारी दी। ऑनलाइन शिक्षा को महत्वपूर्ण बताते हुए उपमुख्यमंत्री में कहा कि आने वाले दिनों में छात्रों को टेबलेट उपलब्ध करवाए जाने का प्रयत्न किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें इस चुनौती को अवसर में परिवर्तित करना चाहिए। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने इस अवसर पर महाविद्यालय के द्वारा शिक्षा और शोध में किए गए कार्यो की प्रशंसा की। वर्ष 2005 के बाद सरकार द्वारा बेहतर शिक्षा मुहैया कराने हेतु कई अभियंत्रण महाविद्यालय स्थापित किए गए साथ ही बिहार सरकार विज्ञान, जल संसाधन, वन एवं पर्यावरण तथा हरित बिहार के लिए भी कई कार्यक्रम निरंतर चला रही है। वर्तमान में बिहार सरकार के द्वारा स्किल मैपिंग का कार्य जारी है जिसके आधार पर रोजगार के कई अवसर मुहैया कराए जाएंगे। मंत्री ने बिहार में बेहतर कानून व्यवस्था, बिजली तथा सड़क की सुविधा के बावजूद कम निवेश पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बिहार के व्यवसायियों के द्वारा इस संबंध में प्रयास किए जाने चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जीसीआर जायसवाल ने कहा की अनुग्रह बाबू आधुनिक बिहार के निर्माता है। महात्मा गांधी तथा राजेंद्र बाबू के नेतृत्व में उन्होंने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समाज के उत्थान के लिए वे हमेशा समर्पित रहे। बिहार विभूति के शैक्षणिक कार्यों की चर्चा करते हुए कुलपति ने कहा कि बिहार में शायद ही कोई ऐसा जिला हो जिसमें अनुग्रह बाबू के नाम पर शैक्षणिक संस्थान स्थापित ना हुआ हो। कुलपति ने लॉकडाउन के दौरान महाविद्यालय के द्वारा छात्रों एवं शिक्षकों के लिए आयोजित किए जाने वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह महाविद्यालय पठन-पाठन, अनुशासन, तथा अनेक शैक्षणिक कार्यों में बिहार का अव्वल महाविद्यालय है। अनुग्रह बाबू के आशीर्वाद से आने वाले दिनों में यह महाविद्यालय देश के सर्वोत्तम महाविद्यालयों की श्रेणी में आएगा।
महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. एसपी शाही ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय द्वारा शिक्षा के लिए किए जा रहे प्रयास की चर्चा की तथा विभिन्न उपलब्धियों को बताया। इस अवसर पर महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका अनुग्रह ज्योति का लोकार्पण किया गया। पत्रिका के प्रधान संपादक प्रोफेसर कलानाथ मिश्र तथा संपादक डॉ रत्ना अमृत हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ रत्ना अमृत ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन आइक्यूएसी के समन्वयक डॉ अरुण कुमार ने किया। इसके पूर्व प्रातः 9 बजे महाविद्यालय परिसर में बिहार विभूति अनुग्रह बाबू के प्रतिमा पर प्रधानाचार्य शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों, वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद शर्मा, अरविंद सिंह के द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। कोविड-19 महामारी के कारण महाविद्यालय प्रशासन के द्वारा माल्यार्पण हेतु विभागवार समय निर्धारित किया गया था। इस कार्यक्रम के अवसर पर कई प्रबुद्ध नागरिक, शिक्षाविद, विभिन्न महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्र-छात्रा वेबिनार में शामिल हुए।