Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured Swatva पटना बिहार अपडेट बिहारी समाज राजपाट

आखिर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने क्यों कहा गिरा देंगे हिमालय पर्वत

पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह के तेवर काफी कड़े नजर आ रहे हैं। ललन सिंह जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दावा किया है कि यदि कार्यकर्ता इसी तरह उत्साहित रहें तो वे हिमालय पर्वत भी गिरा देंगे। सिंह ने कहा कि खून-पसीना से जेडीयू को को एक बार फिर से नंबर वन पार्टी बनाएंगे।

एनडीए के हिस्सा

ललन सिंह ने कहा कि वह एनडीए के हिस्सा है, लेकिन यदि यूपी चुनाव में बीजेपी उनके साथ नहीं रही, तो पार्टी यूपी समेत अन्य राज्यों में अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी। ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्यों का बुकलेट छपवाया जायेगा। कार्यकर्ताओं को बांटा जायेगा ताकि नीतीश के कार्य को घर घर तक पहुंचाया जा सके।

अन्य राज्यों में जदयू के प्रदर्शन की बात करते हुए ललन सिंह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जदयू ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया था। जदयू 14 सीट पर चुनाव लड़ी थी और 14 में से 7 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।

जल्द टूटेगा 2010 के चुनाव परिणाम के रिकार्ड

ललन सिंह ने कहा कि जब तक जदयू 1 नंबर पार्टी नहीं बनेगी, जब तक 2010 के चुनाव परिणाम के रिकार्ड को नहीं तोड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि अपना खून पसीना लगा कर जदयू को नंम्बर 1 पार्टी बनाना है। सीएम नीतीश को 2025 में मुकाम तक पहुंचाना है। पार्टी के कार्यकर्ता 2024-25 तक अपनी ऊर्जा इसी तरह बनाये रखें। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का नारा है कि समाज के हर तबके को साथ जोड़ना है। हम सभी जिलों के एक-एक साथियों को चिन्हित करेंगे और सभी को पटना बुलाकर विमर्श करेंगे। सभी पुराने साथियों की सलाह ली जाएगी।

2014 के आम चुनाव में मुंगेर लोकसभा सीट से मात खा चुके हैं ललन

बता दें कि ललन सिंह का राजनीतिक क्षेत्र मुंगेर, लखीसराय व बेगूसराय रहा है। फिलहाल वे मुख्यतः मुंगेर, लखीसराय व पटना जिले के कुछ भाग का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुखर रहने वाले ललन सिंह 2014 के आम चुनाव में मुंगेर लोकसभा सीट से मात खा चुके हैं। लेकिन, 2019 में पुनः भाजपा से गठबंधन होने के बाद उन्हें जीत मिली थी। बहरहाल, ललन सिंह की राजनीति तभी प्रभावी दिखता है, जब वे भाजपा के साथ होते हैं। लेकिन, राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद वे भाजपा के प्रति भी विपक्ष जैसा मुखर रहने के प्रयास में हैं।