अयोध्या,जिसका शाब्दिक अर्थ जिसे युद्ध में जीता ना जा सके

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DESK : अयोध्या,जिसका शाब्दिक अर्थ है जिसे युद्ध में जीता ना जा सके। यह नाम पाषाण काल से ही अपने भविष्य की ओर संकेत कर रहा है,फिर भी इसे अनदेखा कर इसके भाग्य से छेड़छाड़ की गई। इतिहास को कुछ धूमिल पन्नों से मूंदने कि कोशिश की गई लेकिन कहते हैं भाग्य की रेखा कोई मिटा नहीं सकता,और ये वक्तव्य अयोध्या की कहानी में हकीकत बन गया।

आज हर मन बार बार अयोध्या का विचरण कर रहा है और विचरण करते हुए तुलसीदास जी की पंक्तियां गुनगुना रहा है “अवध पुरी मम पुरी सुहावन,उत्तर दिस बह सरजू पावन”।आज उसी आयोध्या केआंदोलन से जुड़े निजी अनुभव ,

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संघर्षों का इतिहास और 5 अगस्त को प्रारम्भ होने जा रहे श्री राम मंदिर निर्माण के सन्दर्भ में इंडिया थिंक कॉउन्सिल , नई दिल्ली और उसकी सांस्कृतिक शोध संस्था इक्ष्वाकुपुरी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई।

इस चर्चा के पूर्व देश विदेश के प्रतिष्ठित महानुभावों ने अपने वीडियो सन्देश भेज कर श्री राम ,रामायण और मंदिर निर्माण संघर्ष से सम्बंधित अपने अनुभव , विचार और शुभकामनायें प्रेषित किये। ये सभी सन्देश इंडिया थिंक कॉउन्सिल और इक्ष्वाकुपुरी फाउंडेशन के यू tube चैनल और अधिकृत सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं।

श्री राम तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास जी महाराज , न्यासी जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री रमेश नाथ पांडेय ,लन्दन के साउथ हॉल से लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा ,राज्यपाल केरल आरिफ खान , राज्यपाल मेघालय तथागता रॉय , उत्तरखंड के मुख्यमंत्री सिंह रावत ,गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी , केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ,उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद , कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल नंदी ।

उच्च शिक्षा आयोग के अध्यक्ष और बी एच यू के पूर्व कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी , इंदिरा गाँधी कला केंद्र दिल्ली से सच्चिदानंद जोशी ,इलाहाबाद संग्रहालय (प्रयागराज ) के निदेशक सुनील गुप्ता , लंका पर्यटन से जुड़े बाला संकूर्ती , अयोध्या के नगर आयुक्त नीरज शुक्ल ,जीवा आयुर्वेद के संस्थापक प्रताप चौहान , अयोध्या के माननीय महापौर , विधायक , सांसद और राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री मनोज दीक्षित।

वेबिनार में कारसेवकपुरम से पूर्व राष्ट्रीय संयोजक बजरंग दल श्री प्रकाश शर्मा , श्यामा प्रसाद रिसर्च फाउंडेशन दिल्ली से हर्षवर्धन त्रिपाठी ,हेरिटेज रिसर्च इंस्टिट्यूट दिल्ली से प्रो माखन लाल जिन्होंने आंदोलन के शैक्षणिक संघर्ष की बात की , कि कैसे स्थापित लेफ्ट लेखकों से लडना पडा।और शैक्षणिक शोध जन आंदोलन को समर्थन देने का कार्य कर रहा था।

प्रो मनोज दीक्षित ने बताया कि उन्हें आंदोलन सभी आयामों को देखने का अवसर मिला।उन्होंने अयोध्या के संयम ,मर्यादा और आदर्श की सराहना की। बताया की कैसे वो यूरोप और मिडिल ईष्ट के लोग जिनका रक्तरंजित इतिहास रहा वो आंदोलन पर प्रश्न करते थे। आज अयोध्या ने सबको जवाब दे दिया।

जे एन यू से प्रो गौतम झा ,अयोध्या से महंत गिरीश पति त्रिपाठी जी ने आवाहन किया कि इस मंगल वेला पर अब जब श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण हो रहा तो अब सांस्कृतिक मूल्यों एवं मर्यादा पुरूषोत्तम के चरित्र को जन जीवन में अंगीकार कराने की जिम्मेदारी होगी। इस अवसर पर प्रो रिचा ने राज्याभिषेक जैसा त्रेतायुग को प्रत्यक्ष देखने की खुशी प्रकट की। वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन जी ने तिरुपति देवस्थानम की तर्ज़ पर अयोध्या के विकास की बात की और बताया हर तरफ़ हर्ष और उल्लास है यहां । कार्यक्रम को वरिष्ठ पत्रकार मुनि शंकर ने संचालित किया और परिचय निदेशक इंडिया थिंक कॉउन्सिल सौरभ पांडेय ने किया।

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