लायंस क्लब यंगस्टर्स गजानंद के द्वारा किया गया ब्लड डुनेशन और फूड पैकेट वितरण
सारण : छपरा अंतराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था लायंस क्लब यंगस्टर्स गजानंद के ब्लड डुनेशन के साथ फूड पैकेट वितरण के कार्यक्रम में लायंस क्लब डिस्टिक 322 ई के जिलापाल लायन संजय अवस्थी भी सम्मिलित हुए और क्लब के सभी सदस्यों का हौसला बढ़ाया।
क्लब के सदस्यों ने कहा कि सभी लायंस बंधुओ को बड़े हर्ष के साथ बताना चाहता हूँ कि कोरोना संकट के इस दौर में जब सभी लोग अपने अपने घरों में बंद है ऐसे समय मे हमारे जिलापाल लायन संजय अवस्थी जी ने सामाजिक दूरी एवम कोरोना से बचाव के सभी साधनों का उपयोग करते हुए छपरा में कार्यक्रम में हिस्सा लिया
इस कार्यक्रम में पूर्व जिलापाल लायन MJF डॉ एस.के.पांडेय के साथ क्लब के अध्यक्ष अमरनाथ,उपाध्यक्ष नारायण कुमार पाण्डेय, संदीप गुप्ता, अभिजित कुमार सिंह,सूरज आनंद, धरमवीर कुमार,मनोज कुमार धमजीत रंजन,विकाश सिंह आदि मौजूद रहे।वहीं जिलापाल लायन संजय अवस्थी उपस्थित होकर सभी “रक्तदाताओं” के मनोबल और हौशले को बढ़ाने का काम किया।
छपरा में सैलून खोलने के आदेश जारी
सारण / छपरा : कोरोना संक्रमण के बीच धीरे-धीरे सभी दुकानें खुल रही है। सैलून को भी खोलने के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही इसके लिए सुरक्षा नियमों को पालन करने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं, जिसका पालन भी किया जा रहा है
सैलून में बरत रहें सतर्कता
जिले के रिविलगंज के सेमरिया निवासी जितेंद्र ठाकुर बताते हैं कोरोना संक्रमण के मद्देनजर वह सैलून के अंदर वह शारिरिक दूरी का विशेष ख्याल रख रहे हैं और सरकार द़वारा निर्धारित सभी तरह की सावधानियां बरत रहे हैं। उन्होंने बताया ग्राहक या सैलून कर्मचारी को संक्रमण से बचाने के लिए वह सतर्क हैं
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क पहनना बेहद आवश्यक है। इसलिए सैलून में आने वाले लोगों को मास्क पहनकर आने के लिए वह प्रेरित भी करते हैं ताकि संक्रमण की रोकथाम की जा सके। साथ ही बाल कटिंग में प्रयोग किये जाने वाले औजारों की नियमित अंतराल पर सेनेटाइज भी करते रहते हैं। संक्रमण के दौर में वह गांवों में घर-घर जाकर लोगों व बच्चों की बालों की कटाई कर रहें है। इस दौरान भी वह काफी सावधानी बरत रहें है
सैनिटाइजर को बनाएं अपना साथी
जितेंद्र ठाकुर ग्राहको से अपील करते हुए कहते हैं कि घर से बाहर निकलने से पहले अपना हैंड सैनिटाइजर ले जाना न भूलें। कोरोना से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोना सजगता की पहचान है। इस वजह से बाहर जाते समय सैनिटाइजर जरूर साथ रखें। सैलून में ऐसी कई जगह होती है, जिसे बहुत से लोग छूते हैं तो अगर आप उस चीज के संपर्क में आ रहे है तो हाथों की पानी एवं साबुन से सफाई या सैनिटाइजर से साफ़ करना बिल्कुल भी न भूलें
मास्क को हमेशा लगाएं रखें
प्रशासन की ओर से लगातार मास्क पहनने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सबों की जिम्मेदारी है कि घर से निकलते ही मास्क को हमेशा लगाए रखें। सैलून में भी ध्यान रखें की सबने मास्क लगाया हुआ है कि नहीं। सैलून के अंदर भी आप मास्क पहनकर रखें। ध्यान दें कि सभी के मुंह और नाक पूरी तरह मास्क से कवर हो।सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरियां) का जरूर ख्याल रखें। सैलून में भी लोगों से सोशल डिस्टेंस बनाकर रखें। इस बात का जरुर ध्यान रखें कि सैलून में इस्तेमाल होने वाली तौलिया दुबारा इस्तेमाल नहीं हो रही हो। यदि आपको तौलिया या किसी अन्य चीज की साफ़-सफाई पर संदेह हो तो सैलून के कर्मचारी या प्रबंधक से बात कर इसे सुनिश्चित काराएं
लायंस क्लब और लियो क्लब द्वारा शुरू किए गए कपड़ा बैंक
सारण / छपरा : अंतर्राष्ट्रीय स्वयं सेवी संस्थान लायंस क्लब छपरा टाउन और लियो क्लब छपरा टाउन द्वारा कपड़ा बैंक की शुरुआत शहर में की गई। इसका उद्घाटन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजय अवस्थी और पीडीजी लायन डॉक्टर एस के पांडे ने किया। लायंस क्लब छपरा टाउन के सदस्यों की यह पहल है। शहर में रोटी बैंक की तरह कपड़ा बैंक भी हो जिसके तहत अनुपयोगी वस्त्रों का उपयोग हो सके और जरूरतमंदों को मिल स
अध्यक्ष कबीर ने कहा कि कपड़ा बैंक की शुरुआत छपरा में पहली बार की गई है। जिन लोगों के पास अनुपयोगी वस्त्र हैं। वह दान कर सकते हैं और उन वस्त्रों को कपड़ा बैंक के द्वारा जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाएगा। हमें स्लोगन भी दिया है कि आपकी मदद चाहिए जरूरतमंदों की मदद के लिए। अनुपयोगी वस्तुओं की पूंजी का निवेश करें और आजीवन पुण्य रूपी ब्याज अर्जित करें। कपड़ा बैंक को कपड़ा देने के लिए बैनर पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया जा सकता है एवं नगरपालिका चौक स्थित कुमार आइस पार्लर के समीप कपड़ा दान कर सकते हैं
उद्घाटनकर्ता जिलापाल संजय अवस्थी ने कहा कि बिहार में बहुत कम जगहों पर इस तरीके का पहल किया गया है। काफी शानदार और सेवा का कार्य है। पिछले दिनों भी क्लब ने बाढ़ पीड़ितों की मदद की है। वही लायन डॉक्टर एस के पांडे ने कहा कि यह शुरुआत युवा सोच के साथ बहुत आगे तक जाएगा। इस तरीके का प्रोजेक्ट काफी कम देखा जाता है। लेकिन लायंस क्लब छपरा टाउन की सराहनीय पहल है। इससे हम सब को जोड़ना चाहिए और असहाय लोगों की मदद करनी चाहिए
इस अवसर पर कोषाध्यक्ष गोविंद सोनी, दिनेश कुमार, संजीव कुमार, सतीश कुमार पांडे, अकबर अली, धीरज सिंह, विजय राज, दिनेश कुमार, मनोज वर्मा संकल्प, एस जेड रिज़वी, ध्रुव कुमार पांडे, अजय कुमार सिन्हा, राजीव दास, वासुदेव गुप्ता, सोना लाल सिंह, लियो अध्यक्ष विकास आनंद, अली अहमद, राशिद रिज़वी, मनीष मनी आदि उपस्थित थे।
कोरोना काल में बच्चों के बेहतर पोषण को लेकर जिला प्रशासन दे रही विशेष ध्यान
छपरा : कोरोना काल में भी बच्चों के बेहतर पोषण पर ध्यान दिया जा रहा है। जिले में आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से सुधा दूध का पाउडर घर-घर जाकर वितरित किया जा रहा है।पाउडर में मौजूद पोषक तत्व बच्चों को कुपोषण मुक्त एवं सेहतमंद बनाने में पूर्व से ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। इसको सुदृढ करने के लिए आईसीडीएस के अनुश्रवण पदाधिकारी सुगंधा शर्मा ने पत्र लिखकर सभी डीपीओ और सीडीपीओ को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है।
जारी पत्र में बताया गया है कि ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि कई केंद्रों पर सुधा का दूध उपलब्ध लेकिन वितरण नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में 20 अगस्त तक नियमानुसार गृह भ्रमण कर दूध का वितरण करने और इसका प्रतिवेदन 21 अगस्त को शाम 4 बजे तक निदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं
घर-घर जाकर कर रहीं दूध का वितरण
ग्रामीण इलाकों में कुपोषण की दर में कमी लाने के लिए 03 से 06 साल के बच्चों को 150 ग्राम दूध पिलाने का प्रावधान किया गया है। कॉम्फेड द्वारा सुधा दुग्ध पाउडर की आपूर्ति की जा रही है। बच्चों में प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है
कोरोना संक्रमण के कारण आंगनवाड़ी केंद्र बंद होने से आंगनबाड़ी सेविका द्वारा घर- घर जाकर सुधा दूध पाउडर का वितरण किया जा रहा है। प्रत्येक बच्चे को 18 ग्राम दूध पाउडर 150 मिलीलीटर शुद्व पेयजल में घोलकर पिलाने का प्रावधान किया गया
कुपोषण को दूर करने में माताओं की भूमिका अहम
आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडेय ने बताया स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। इसीलिए बेहतर समाज के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि हमारी इस पीढ़ी को अच्छा पोषण मिले और वह सुरक्षित रहे।
उन्होंने कहा कि सभी माताओं का यह दायित्व है कि बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए साफ सफाई बरती जाए, नियमित रूप से खाने से पहले व खाने के बाद हाथ धोया जाए, शौचालय करने के बाद हाथ पैर धोया जाय। कुपोषण की समस्या तभी दूर हो सकती है जब बच्चों को स्वच्छता से पूर्ण माहौल मिलेगा
कोरोना वायरस की रोकथाम को जागरूकता
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर बचाव की जानकारी लोगों को जागरूक दे रही हैं। इसमें पोषण के विभिन्न सूत्रों पर जागरूकता के साथ कोरोना वायरस संक्रमण से बचने की भी सलाह भी दी जा रही है
• अपने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं या अल्कोहल आधारित हैण्ड वाश, सेनेटाइजर का उपयोग करें
• खांसने, छींकने, खाना पकाने से पहले, पकाने के दौरान एवं बाद में, खाना खाने से पहले एवं शौचालय के बाद हाथों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ़ करें
• छींकते एवं खांसते समय अपना मुँह ढककर रखें
• अपनी आँखों, नाक और मुँह को बार-बार छूने से बचें
• अगर किसी व्यक्ति को खाँसी या बुखार हो तो निकट सम्पर्क में जाने से बचें
• किसी बड़े समारोह एवं आयोजन में भाग लेने से बचें
• व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों की साफ़-सफाई रखें
• घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग जरूर करें
• एक दूसरे से दो गज की दूरी रखें
• सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचें।
रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं आने से छात्र-छात्राओं में दिखा रोस, जिलाधिकारी कार्यालय में किया प्रदर्शन
सारण /छपरा : इंटरमीडिएट के छात्र छात्राओं का रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं आने छात्र-छात्राओं में रोस देखी गई । इस दौरान छात्र छात्राओं के द्वारा स्कूल से लेकर जिला अधिकारी के कार्यालय तक चक्कर लगाना पड़ा वही आज छात्र छात्राओं के द्वारा अंत में जिला अधिकारी के कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया गया।
छात्र-छात्राओं का कहना है कि हम लोग मई-जून में फॉर्म भरे थे लेकिन हम लोगों का 33 छात्राएं जो राजकीय कन्या माध्यमिक उच्च विद्यालय छपरा और 24 छात्र जो तपेश्वर सिंह कॉलेज का रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं आया है जबकि उसी स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएं का रजिस्ट्रेशन आ गया है। रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं आने से इन सारे छात्र छात्राओं का फॉर्म इंटर का नहीं अप्लाई हो रहा है । जिससे विद्यार्थी काफी परेशान है और इसके लिए विद्यार्थियों के द्वारा शिक्षा पदाधिकारी और जिला अधिकारी के पास आवेदन लिखकर अपना समस्याओं से अवगत कराया है।
जब इस संबंध में विद्यार्थियों सेे अधिक जानकारी ले गई तो पता चला कि स्कूल के शिक्षकों के द्वारा बोला गया कि अगले साल आप लोग फिर से फॉर्म अप्लाई करिएगा और आपका रजिस्ट्रेशन आएगा वही जब इस संबंध में शिक्षा पदाधिकारी से भी छात्रों ने शिकायत किया तो यही बात दोहराई गई जिससे नाराज होकर छात्र-छात्राओं ने जिलाधिकारी के पास पहुंचे। जहां जिला अधिकारी उपस्थित नहीं थे जिला अधिकारी उस वक्त बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में निकले हुए थे । हालांकि कार्यालय में आवेदन देकर छात्र छात्राओं ने अपना समस्या पर जिला अधिकारी द्वारा कॉल करने का मांग किया है।
मांग करने वालों में मोनिका कुमारी अर्पिता तिवारी सृष्टि श्रीवास्तव सबा अंसारी शबनम खातून पूजा कुमारी कोमल कुमारी जीनत परवीन और नंदनी कुमारी सुमन कुमारी शामिल है।
युवा ब्राह्मण चेतना मंच बिहार प्रदेश द्वारा जिला मुख्यालयों के पदाधिकारीयों की सूची जारी
सारण /छपरा : युवा ब्राह्मण चेतना मंच बिहार प्रदेश द्वारा बिहार के कई प्रमण्डलों एवम् जिला मुख्यालयों के पदाधिकारीयों की सूची आज जारी किया गया। सूची जारी करने के अवसर पर युवा ब्राह्मण चेतना मंच के राष्ट्रीय संयोजक सह बिहार प्रदेश प्रभारी डाॅ0सुभाष पाण्डेय ने कहा कि ब्राह्मण समाज की एकता ” संस्कृत , संस्कार और संस्कृति ” के संपोषण ,संरक्षण और संवर्धन के लिए आवश्यक है ।एक समुन्नत राष्ट्र निर्माण का स्वप्न तभी साकार होगा जब ब्राह्मण समाज संगठित होकर अपने आने वाली पीढ़ी को सांस्कृतिक विरासत प्रदान करे।
समाज के सभी वर्ग के कल्याण की कामना ब्राह्मण समाज करता है। यह धरातल पर तभी उतरेगा जब महामना पं0मदनमोहन मालवीय और अजातशत्रु पं0 दीनदयाल उपाध्याय की समग्र सोच को अमलीजामा पहनाया जाए। अपनी इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए युवा ब्राह्मण चेतना मंच बिहार प्रदेश के सभी जिला में पंचायत स्तर पर ब्राह्मण समाज का एक मजबूत संगठन स्थापित करेगा।इसमें समान कार्य एवम् उद्देश्यों पर चल रहे सभी संघ,संगठन,सभा ,महासभा,मंच ,मोर्चा से समन्वय बना कर ब्राह्मण समाज के सभी वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
आज जारी सूची में मुजफ्फरपुर जिला प्रभारी सह मिथिलांचल के संयोजक पद पर चितरंजन पाठक ,पूर्णिया प्रमंडलीय संयोजक के पद पर वीरेन्द्र कुमार उपाध्याय , पटना जिला प्रभारी के पद पर अजय कुमार पाण्डेय , कटिहार जिला अध्यक्ष के पद पर प्रशान्त कुमार गिरि , भागलपुर जिला अध्यक्ष के पद पर एस0 शुक्ला , तथा मधुबनी जिला अध्यक्ष के पद पर वाचस्पति झा का मनोनयन हुआ।अगली सूची शीघ्र जारी की जाएगी।
बिहार में कुपोषण की समस्या अन्य राज्यों की तुलना में अधिक
सारण /छपरा : बिहार में कुपोषण की समस्या अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद किए जाने के कारण पोषण सेवाएं भी बाधित हुयी है। इस लिहाज से भी सामुदायिक पोषण को सुनिश्चित करना अत्यंत जरुरी हो गया है। इस कड़ी में पोषण वाटिका का विषय महत्वपूर्ण एवं प्रसांगिक भी है। यद्यपि, पोषण वाटिका की सोच पहले भी रही है। लेकिन बिहार के परिदृश्य में इसे अभी तक अधिक सफलता नहीं मिली है। उक्त बातें अतुल प्रसाद, अपर मुख्य सचिव, समाज कल्याण विभाग ने कृषि पोषण पर राज्य स्तरीय तीन दिवसीय वेबिनार सह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए सोमवार को आयोजित पोषण वाटिका पर प्रशिक्षण के दौरान कही।
अतुल प्रसाद, अपर मुख्य सचिव, समाज कल्याण विभाग ने बताया कि बिहार में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के पास अपने भवन एवं पोषण वाटिका के लिए जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण पोषण वाटिका की परिकल्पना को साकार करने में चुनौतियाँ रही हैं। साथ ही पोषण वाटिका के क्रियान्वयन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उठाने की समस्या भी इसकी सफलता में बाधक रही है। इसकी सफलता के लिए यह जरुरी है कि पोषण वाटिका को जन-आन्दोलन के रूप में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी को भी बढाया जाए। जिन क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्रों के पास अपनी जमीन नहीं हैं, वहाँ आम लोगों को चिन्हित कर उनके घर में पोषण वाटिका की शुरुआत करने की दिशा में लोगों को प्रेरित किया जाए। यह एक अच्छी पहल होगी, जिससे इस अभियान को जन-आन्दोलन के रूप में तब्दील करने में सहयोग मिलेगा।
‘अपनी, क्यारी अपनी थाली’ से बेहतर होगा पोषण
आईसीडीएस के निदेशक अलोक कुमार ने बताया कि कुपोषण, एनीमिया एवं अल्पवजन से समुदाय को बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्यों में पोषण अभियान की शुरुआत की गयी है। बिहार में पोषण की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में चिंताजनक है। लेकिन पोषण अभियान के तहत पिछले वर्ष सितम्बर माह में आयोजित पोषण माह में बिहार ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए देश भर में दूसरा स्थान हासिल किया था। इस दौरान राज्य भर में लगभग 6 करोड़ लोग इस अभियान से जुड़े थे। पोषण अभियान के तहत इनोवेशन पर भी बल दिया गया है। इस दिशा में राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों से सहयोग लेकर पोषण वाटिका पर कार्य को आगे बढाया जा रहा है। ‘अपनी क्यारी, अपनी थाली’ का मुख्य उद्देश्य पोषण वाटिका के सहयोग से गर्भवतियों एवं बच्चों के पोषण में सुधार करना है, जिसमें बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर तकनीकी सहयोग भी प्रदान करेंगे। पोषण अभियान का लक्ष्य प्रतिवर्ष दुबलापन एवं नाटापन में 2% की कमी एवं एनीमिया में 3% की कमी लानी है, जिसमें पोषण वाटिका काफी सहयोगी साबित होगा।
पोषण व्यवहार में बदलाव जरुरी
यूनीसेफ के पोषण विशेषज्ञ आरएन परही ने बताया कि राज्य में लोग कुपोषण की स्थिति से जीवन के विभिन्न आयु में सामना करते हैं, लेकिन विशेषकर 5 साल के अंदर के बच्चों में कुपोषण की स्थिति राज्य में अधिक है। राज्य में पांच साल से कम आयु के 42% बच्चे नाटेपन के शिकार हैं, जिसके लिए ठोस एवं सम्मलित प्रयास की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी जैसे विटामिन ए, बी, बी12, आयरन एवं जिंक विशेषकर बचपन एवं किशोरावस्था में अधिक होती है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर की आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका की शुरुआत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे 6 माह से 23 माह तक के बच्चों में संपूरक आहार की शुरुआत करने के व्यवहार में भी साकारात्मक परिवर्तन आएगा। साथ ही पोषण वाटिका की शुरुआत आहार की विवधिता को जन-आन्दोलन के रूप लेने की दिशा में भी प्रभावी साबित होगा।साथ ही इससे राज्य की कुपोषण दर में भी कमी आएगी
बिहार कृषि विश्वविद्यालय करेगा तकनीकी सहयोग
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर राज्य में पोषण वाटिका के निर्माण में तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहा है. डॉ. आरके सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर ने बताया कि अभी तक उनकी संस्था के द्वारा राज्य के 4 जिलों( पटना, नालंदा, पूर्णिया एवं खगड़िया) में ‘अपनी क्यारी-अपनी थाली’ कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। इस मॉडल के तहत मशरूम की खेती, पोषण वाटिका का निर्माण एवं कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से जन-जागरूकता पर कार्य किया जाता है।
उन्होंने बताया कि पोषण वाटिका के कारण गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं बच्चों द्वारा पोषक सब्जियों एवं फलों के दैनिक सेवन में बढ़ोतरी हुयी जो कुपोषण कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इससे स्वच्छता, साफ़ पानी के सेवन, डायरिया के दौरान देखभाल एवं एनीमिया प्रबंधन पर भी जागरूकता बढ़ाने में सफलता मिली है.
इस दौरान विश्व बैंक के राज्य तकनीकी विशेषज्ञ मन्त्रेश्वर झा ने पोषण अभियान एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत के ऊपर डॉ. मनोज कुमार, परामर्शी पोषण एवं स्वास्थ्य, राज्य सरकार के विषय में जानकारी दी। साथ ही ऊषा कुमारी, विभागाध्यक्ष, खाद्य एवं पोषण विभाग, सामुदायिक महाविद्यालय एवं डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर ने आहार विविधिता के द्वारा घर में तैयार भोजन से कुपोषित बच्चों का प्रबन्धन एवं डॉ. कुमारी शारदा, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र, बाढ़ ने पोषण वाटिका के महत्व एवं प्रकार पर प्रकाश डाला। साथ ही डॉ. अनीता कुमारी, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र, खगड़िया ने पोषण वाटिका के संरचना एवं रेखांकन पर प्रकाश डाला।
वेबिनार में ए.रहमान प्रमुख, यूनिसेफ, बिहार, डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के साथ राज्य भर के डीपीओ, आईसीडीएस, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सीडीपीओ सहित आईसीडीएस के अन्य कर्मी शामिल हुए।