पटना : नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर पर मोदी सरकार खासकर अमित शाह को निशाने पर रखने वाले पॉलिटिकल मर्चेंट सह जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी के नेताओं का कड़ा विरोध झेलना पड़ रहा है। जदयू के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने उनको आड़े हाथों लिया है। अजय आलोक ने उन्हें ‘कोरोना वायरस’ करार दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर भरोसे लायक आदमी नहीं हैं।
प्रशांत किशोर कोरोना वायरस है
जदयू नेता अजय आलोक ने कहा, ‘यह (प्रशांत किशोर) आदमी भरोसेमंद नहीं है। वह मोदी जी और नीतीश जी का भरोसा नहीं जीत सके। वह AAP के लिए काम करते हैं, राहुल गाँधी से बात करते हैं, ममता दीदी के साथ बैठते हैं। कौन उन पर भरोसा करेगा? हमें खुशी है कि यह कोरोना वायरस हमें छोड़ रहा है, वह जहाँ चाहे वहाँ जा सकते हैं’।
नेता नहीं कॉर्पोरेट दलाल है पीके
जदयू के पूर्व प्रवक्ता ने कहा ये नेता कब से हो गए, कॉर्पोरेट दलाल। नीतीश कुमार के रहम-ओ-करम पर उन्हें इतनी इज्जत बख्शी गई और अब अपनी औकात भूल गए। हैं क्या ये सिर्फ कॉर्पोरेट दलाली करते हैं। किसके साथ हैं? राहुल गांधी के साथ हैं या अरविंद केजरीवाल के साथ हैं। डीएमके के साथ हैं या फिर शिवसेना के साथ हैं या कभी हमारे साथ भी थे।
जहां चारा वहां मुंह मारा
अजय आलोक आगे कहा ‘राजनीतिक विश्वसनीयता और रणनीतिकार दोनो का एक साथ होना ज़रूरी है। रणनीति तो ऐसी रही की UP में राहुल को खटिया पकरवा दिए कांग्रेस 27 से 7 हो गय , उत्तर प्रदेश के दो बालक दुश्मन बन गए और विश्वसनीयता का क्या कहने ? कभी एक डाल कभी दूसरा पात, जहां चारा वहां मुंह मारा, राजनीतिक विमर्श दूषित किया’।
मालूम हो कि इससे पहले यानी बीते दिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बारे में कहा था कि यदि कोई ट्वीट कर रहा है तो करे। जब तक किसी की पार्टी में रहने की इच्छा करेगी, तब तक वह रहेगा और जाना चाहेगा तो जाए। साथ ही नीतीश कुमार ने यह भी कहा था कि मैंने तो उसे अमित शाह जी के कहने पर पार्टी में शामिल किया था। लेकिन, अब उसे जहाँ जाना है जाए।