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मंथन

‘विभूति’ का काॅलेज

बिहार विभूति डा. अनुग्रह नारायण सिंह आधुनिक बिहार के निर्माताओं में से एक थे। सौम्य, परोपकारी और विनम्र अनुग्रह बाबू एक बड़े राजनेता के साथ ही आकादमिक नेता भी थे। उन्होंने उच्च शिक्षा के माध्यम से बिहार को विकास के क्षितिज पर स्थापित करने का जो सपना देखा था, उसके प्रमाण के रूप में बिहार की राजधानी में स्थापित एएन कालेज और एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान वर्तमान में मौजूद है। बिहार में उच्च शैक्षणिक संस्थानों की बदहाली के इस दौर में एएन कालेज परिसर में दाखिल होने के बाद एक सुकून महसूस होता है। आशा की एक किरण भी दिखती है कि बिहार की उच्च शिक्षा को फिर से पटरी पर लाया जा सकता है। यह महाविद्यालय जीवंत है और नैक ने इसे ग्रेड ए की श्रेणी का प्रमाणपत्र दिया।

बिहार के विभूति डाॅ. अनुग्रह नारायण सिन्हा की प्रेरणा से जनवरी, 1956 में पटना हाईस्कूल में गर्दनीबाग ट्यूटोरियल काॅलेज के रूप मे इस महाविद्यालय की स्थापना की गई थी। बाद में इसका नाम बदल कर अनुग्रह नारायण काॅलेज कर दिया गया। सन् 1959 में इसे बोरिंग रोड स्थित वर्तमान परिसर में लाया गया। शुरुआत में इसे 19 एकड़ जमीन दी गयी थी बाद में कुछ भूमि किसान को लौटा दी गई। वर्तमान में 13 एकड़ में यह महाविद्यालय है। इसके प्रथम प्राचार्य प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डा. गोरखनाथ सिंह थे। तत्कालीन शासी निकाय में बिहार के पूर्वमुख्यमंत्री सत्येन्द्रनारायण सिन्हा, पूर्व सांसद किशोरी सिन्हा, न्यायमूर्ति के.बी.एन. सिंह, न्यायमूर्ति वीरेन्द्र प्रताप सिंह, डाॅ. शिवनारायण सिंह तथा सुनील मुखर्जी जैसे प्रसिद्ध प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। इन लोगों के दिशा-निर्देश में महाविद्यालय को बिहार के प्रसिद्ध शिक्षा केन्द्र में स्थापित करने का अभूतपूर्व कार्य किया।

सन् 1996 से 2004 के बीच काॅलेज में वर्तमान शिक्षा पद्धति को अपनाते हुए पारम्परिक विषयों के साथ रोजगारपरक व्यावसायिक विषयों की पढ़ाई की शुरुआत की गई, ताकि बिहार के बच्चे भी रोजगार प्राप्त कर सके।

विगत 20 वर्षो में सामान्य शिक्षा से ऊपर उठकर काॅलेज में शोध कार्य को बढ़ावा दिया गया। इस कड़ी में राष्ट्रीय स्तर से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों से जुड़कर काॅलेज में शोध कार्य चल रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों यूजीसी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, यूनिसेफ, भाभा एटाॅमिक संस्थान, नीरी इत्यादि तथा अन्तराष्ट्रीय संस्थानों यूनाईटेड किंगडम व अमेरिकन विश्वविद्यालयों से साझा कार्यक्रम के तहत शोध कार्य चल रहे हैं।

महाविद्यालय के शैक्षिक गुणवत्ता को देखते हुए यू.जी.सी. ने सन् 2005 में सी.पी.ई. की मान्यता प्रदान की। यह मान्यता देश के ऐसे संस्थानों की दी जाती है, जो शैक्षिक गुणवत्ता के उच्च मानदंड पर खरा उतरते हैं। यह मान्यता सन् 2010 तथा 2015 में यूजीसी द्वारा देकर निरंतर रखा गया। इसी क्रम में काॅलेज को सन् 2005 में नेक से ग्रेड ‘ए’ का दर्जा दिया गया, उसके बाद 2011 में फिर से ग्रेड ‘ए’ का दर्जा प्राप्त हुआ है।

वर्तमान प्राचार्य प्रो0 एसपी शाही के अक्टूबर 2016 में पदस्थापन के बाद सितम्बर, 2017 में नैक से प्रत्यायन कराया गया। इस प्रत्यायन में काॅलेज ने 3.27/4 अंक प्राप्त कर ग्रेड ‘ए’ की श्रेणी पुनः प्राप्त की। नैक से अब तक मिले अंक में यह उच्चतम अंक था। इस प्रकार से राष्ट्रीय संस्थान नैक द्वारा प्राप्त अंक के कारण बिहार के सर्वोतम काॅलेज के रूप में यह स्थापित हो गया।

वर्तमान प्राचार्य प्रो0 एस. पी. शाही ने वर्ग शिक्षा के अलावा काॅलेज में पाठ्येत्तर कार्यक्रमों की शृंखला की शुरुआत की, जिसमें एसएन. सिन्हा स्मृति व्याख्यानमाला, युवा महोत्सव, सेमिनार, वर्कशाप, खेल-कूद, सामाजिक सरोकार से रखने वाले कार्यक्रम, डिबेट, भाषण प्रतियोगिता, क्विज, पेंटिग आदि अनेक कार्यक्रमों को बढावा दिया गया, ताकि छात्र-छात्राओं में नेतृत्व का विकास हो सके। महाविद्यालय के विकास के लिए प्राचार्य प्रो0 एस.पी. शाही के अथक प्रयास से काॅलेज में बहुउद्येश्यीय भवन, आडिटोरियम, परीक्षा भवन का विस्तार, भवनों के लिए उपस्कर आदि के लिए राज्य सराकर ने लगभग 20 करोड़ की राशि स्वीकृत की है, जो काॅलेज के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

वर्तमान प्राचार्य के नेतृत्व में हाल ही में कालेज को बायोटेक्टनालाॅजी विभाग, भारत सरकार द्वारा ‘स्टार काॅलेज’ का दर्जा दिया गया। इस प्रकार से काॅलेज के लिए दिन-प्रतिदिन उपलब्धियों की गाथा लिखी जा रही है। इस वर्ष काॅलेज नेशनल रैकिंग में भाग लेने जा रहा है। काॅलेज की अकादमिक व्यवस्था इस प्रकार से तय की जा रही है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षाव्यवस्था यहां सुलभ हो सके। ज्ञात हो कि यह सभी सुविधा काॅलेज में बहुत कम शुल्क लेकर छात्र-छात्राओं की दी जा रही है, ताकि राज्य के गरीब छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा पाना सुगम हो। यहां के विद्यार्थी काॅलेज से शिक्षा प्राप्त कर राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय संस्थानों में नौकरी कर रहे हैं।

वर्तमान में काॅलेज में 16 बड़े-बड़े भवनों में विज्ञान, कला, मानविकी, प्रबंधन, कम्प्युटर विज्ञान, पुस्तकालय विज्ञान, सूचना प्रौद्यौगिकी, पर्यावरण विज्ञान, शिक्षा आदि कुल 27 विषयों में अध्यापन कार्य हो रहा है। महाविद्यालय में खेल सुविधा, कार्यालय हेतु प्रशासनिक भवन, छात्र-छात्रओं हेतु अलग-अलग काॅमन रूम, कैंटीन, मेडिकल हेतु डिस्पेंशरी, अनेकों सभा भवन, दिव्यांग हेतु सभी भवनों में रैंप की सुविधा, विशाल पुस्तकालय भवन, रीडिंग हाॅल, जिम्नाजियम, आदि व्यवस्था है।

महाविद्यालय के विकास हेतु सभी निर्णय लोकतांत्रिक पद्धति पर आधारित है। इसमें विभिन्न समूहांे से यथा शिक्षक, छात्र, पैंरेन्ट्स, एलुमनाई आदि से फीडबैक लेकर विकास संबंधी निर्णय लिये जाते हैं। इसके लिए आईक्यूएसी, महाविद्यालय विकास समिति, विभागाध्यक्षों की समिति तथा शिक्षक, कर्मचारी तथा छात्र के सुझाव को ध्यान में रखते हुए विकास संबंधी निर्णय लिये जाते हैं। वहीं छात्रों के शैक्षिक प्रगति का मूल्यांकन आंतरिक परीक्षा, वर्ग में मौखिक परीक्षा आदि लेकर किया जाता है। काॅलेज के छात्र एन.एस.एस तथा एन.सी.सी. से जुड़कर सामाजिक सरोकार के कार्य में बढ़-चढकर हिस्सा लेते हैं।

देश व समाज के समृद्धीकरण के लिए एएन काॅलेज अपने शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन तैयार कर रहा है।

विमल कुमार सिंह