ऊर्जान्वित होंगे संस्थान

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छोटे व कम ख्यातिप्राप्त शैक्षणिक संस्थानों को ऊर्जान्वित करने के लिए राज्यपाल लालजी टंडन का प्रयास जारी है। गोपालगंज जिले के हथुआ स्थित गोपेश्वर महाविद्यालय में आयोजित एक समारोह में वे शामिल हुए। वहां के महाराजा के नाम पर इस महाविद्यालय की स्थापना हुई थी। स्थापना के कई वर्षों बाद वहां के लोगों ने इस महाविद्यालय के संस्थापक की प्रतिमा स्थापित कराने का निर्णय लिया। प्रतिमा जब बनकर तैयार हुई, तो इसके अनावरण के लिए राज्यपाल से आग्रह किया गया। उस प्रतिमा का अनावरण करने के लिए वे सहर्ष तैयार हो गए।

इस प्रतिमा अनावरण समारोह में उन्होंने कहा कि विद्यालय और महाविद्यालय की स्थापना कर समाज व राष्ट्र को ज्ञान के आलोक से अवलोकित कराने वाले महापुरुष होते हैं। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के निर्माण में हथुआ के राजा के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि समाज के ऐसे दानवीरों के लिए शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करना कोई लाभ का कार्य नहीं था। इससे उन्हें कोई आर्थिक लाभ नहीं हुआ। लेकिन, उनकी कीर्ति अमर हो गयी। बीएचयू परिसर मंे प्रवेश के साथ हथुआ और दरभंगा जैसे राजाओं की कीर्ति हमारी आंखों के सामने जीवंत हो जाती है। शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना के पीछे धन कमाने की लालसा से गड़बड़ी हो रही है। इससे समाज व राष्ट्र का अहित हो रहा है। इस प्रवृत्ति पर रोक आवश्यक है।

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मूर्ति अनावरण समारोह में हथुआ के वर्तमान राजा मृगेन्द्र प्रताप शाही, महारानी पूनम शाही एवं उनके पुत्र कौस्तुभ मणि ने राज्यपाल का अभिनंदन किया। इस अवसर पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति डा. हरिकेश सिंह ने उस क्षेत्र में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गोपेश्वर महाविद्यालय के प्राचार्य इस विश्वविद्यालय के सबसे अच्छे प्रशासक हैं। इस महाविद्यालय को उच्च शिक्षा के आदर्श केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास हो रहा है। यहां सभी विषयों में स्नातकोत्तर की शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी।

डाॅ. विजय पाण्डेय

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