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यह है भारत का सबसे अमीर गांव, दुनिया के टॉप 10 में शामिल

नयी दिल्ली : ज्ञान का अंबर काफी विशाल है। लेकिन क्या आप अपने देश, राज्य और आसपास की बातों का ज्ञान वाकई रखते हैं? अधिकतर लोगों का उत्तर यही मिलेगा कि नहीं। कहते हैं, भारत गांवों का देश है। यहां की 90 फीसदी आबादी गांवों में रहती है और अर्थव्यवस्था में भी देश की कुल जीडीपी का करीब 85 प्रतिशत हिस्सा गांवों का ही है। आइए आज हम आपको भारत के सबसे अमीर गांव की जानकारी देते हैं।

गांव में 17 बैंकों की शाखाएं, हर घर में एनआरआई

खुशहाली, लोगों की बचत, रहन सहन और हाईटेक सुविधाओं के मामले में दुनिया के टॉप 10 गांवों में से एक भारत में भी है। यह गांव गुजरात के कच्छ जिले के माधापार में स्थित है और इसे भारत का सबसे अमीर गांव होने का गौरव प्राप्त है। भारत के इस गांव में लगभग 7,600 घर और 17 बैंक हैं। साथ ही इन घरों के मालिक ज्यादातर यूके, यूएसए, कनाडा और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में रहते हैं।

स्विमिंग पूल, शॉपिंग मॉल समेत कई हाईटेक सुविधाएं

गुजरात का यह गांव इतना समृद्ध है कि दुनियाभर से लोग इसको देखने आते हैं। इस गांव में प्ले स्कूल से लेकर इंटर कॉलेज तक हिंदी और इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई के लिए हैं। गांव का अपना शॉपिंग मॉल है, जहां देशी और इम्पोर्टेड प्रोडक्ट आसानी से उपलब्ध होते हैं। गांव में तालाब के साथ ही नहाने के लिए शानदार स्विमिंग पूल भी है।

बैंकों की शाखाओं में जमा हैं ग्रामीणों के 5000 करोड़

सबसे अहम बात यह कि गांव में अलग—अलग बैंकों की कुल 17 शाखाएं खुली हुईं हैं और इन शाखाओं में गांववालों के कुल 5000 करोड़ से भी ज्यादा की रकम जमा है। आमतौर पर यहां के लोग भारत के दूसरे शहरों में जाने की तुलना में लंदन, कनाडा, अमेरिका, केन्या, यूगांडा, मोजांबिक, दक्षिण अफ्रीका और तंजानिया तथा केन्या जाना ज्यादा पसंद करते हैं। इसका कारण यह है कि उनके पूर्वज इन्हीं देशों में यहां से गए, कारोबार किया और आज भी उनका कारोबार विदेशों में भी संचालित है। सबसे बड़ी बात ये विदेश जाने के बावजूद इन्होंने अपने मूल गांव को नहीं छोड़ा और आते—जाते रहे। मधापर गांव के लोग विदेश से पैसा कमा कर गांव में जमा करते हैं।

प्रत्येक घर से 2 लोग विदेशों में करते हैं कारोबार

गांव के प्रत्येक घर में से कम से कम 2 लोग विदेश में रहते हैं जबकि बाकी कृषि और अन्य रोजगार गांव में ही करते हैं। यहां का अधिकांश कृषि उत्पाद मुंबई को निर्यात किया जाता है। यह भी रोचक बात है कि इस गांव में किसी ने आज तक अपना खेत नहीं बेचा। गांव में अत्याधुनिक गौशाला और अपना कम्युनिटी हॉल भी है। गांव के पोस्ट ऑफिस में 200 करोड़ रुपए की फिक्स डिपाजिट है।