यहां 50 साल से मुसाफिरखाने में चल रहा रेल थाना

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नवादा : किउल—गया रेलखंड स्थित प्रमुख रेलवे स्टेशन पर 50 वर्षों से जीआरपी थाना यहां बने यात्रियों के मुसाफिरखाने में ही चल रहा है। वह भी तब जब केंद्र व राज्य सरकार द्वारा सरकारी कार्यालय भवन को दुरूस्त करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। नए भवनों का निर्माण भी कराया जा रहा है। बावजूद अबतक कई विभागो को अपना भवन नसीब नहीं हो सका है। केजी रेलखंड के नवादा रेलवे स्टेशन स्थित जीआरपी थाना का भी यही हाल है। 48 साल से स्टेशन पर बने मुसाफिर खाना में जीआरपी थाना का कामकाज संचालित हो रहा है।
विदित हो कि वर्ष 1970 में यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर मुसाफिर खाना का निर्माण कराया गया था। इसके बाद ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों द्वारा इसका उपयोग किया जाने लगा। लेकिन कुछ दिन बीतने के बाद ही इसका इस्तेमाल जीआरपी थाना के रूप में किया जाने लगा। जीआरपी थाना का अपना भवन नहीं रहने के कारण आज भी उसी मुसाफिरखाने में थाना का कामकाज चल रहा है।

रेलथाना भवन का निर्माण लंबित

विभाग द्वारा जीआरपी थाना का भवन निर्माण के लिए प्लेटफॉर्म नंबर एक पर यात्री शेड के किनारे भूमि का चयन किया गया है। जहां 30 फीट लंबा व 30 फीट चौड़ा एरिया में दो मंजिला थाना भवन का निर्माण होना है। भवन निर्माण को लेकर कुछ दिन पूर्व जमालपुर रेल एसपी ने नवादा पहुंचकर स्थल का जायजा भी लिया था। बावजूद अभीतक भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका है।

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पीकेट को नहीं मिला थाना का दर्जा

रेलवे पुलिस प्रशासन द्वारा 48 साल बीत जाने के बावजूद नवादा जीआरपी पुलिस पिकेट को थाना का दर्जा नहीं मिल सका है। अभीतक नवादा जीआरपी पुलिस पीकेट के नाम पर संचालित हो रहा है। बता दें कि नवादा स्टेशन पर जीआरपी पुलिस पिकेट होने से यहां के पदाधिकारियों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है। यहां आने वाले मामले को लेकर पदाधिकारियों को प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए किउल थाना जाना पड़ता है। इसके कारण पदाधिकारियों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है।

जवानों को रहने में होती है परेशानी

नवादा रेलवे स्टेशन पर जवानों को रहने के लिए एक हॉल में बैरक बनाया गया है। जिसमें करीब 20 की संख्या में जवान रहते हैं। जगह के अभाव में जवानों को काफी परेशानी होती है। जीआरपी थाना में तैनात जवानों ने बताया कि भवन पुराना होने के कारण दीवार का प्लास्टर झड़कर गिरता है। कभी-कभी तो बना हुआ खाना में भी गिर जाता है। इसके कारण काफी परेशानी होती है। इसके अलावा कमरा के अंदर मात्र एक शौचालय है। जो काफी जर्जर हो चुका है। शौच त्याग करने में काफी परेशानी होती है। जवानों ने बताया कि पेयजल के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं रहने से स्टेशन के इर्द-गिर्द के नलों से पानी लाना पड़ता है।

क्या कहते हैं अधिकारी

जीआरपी थाना भवन निर्माण के लिए स्टेशन के एक नंबर प्लेटफॉर्म के यात्री शेड के आगे भूमि का चयन किया गया है। जहां दो मंजिला भवन का निर्माण कराया जाएगा। जिसमें थाना कार्यालय के अलावा जवानों के रहने की व्यवस्था होगी। विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण भी किया जा चुका है। भवन निर्माण का कार्य बहुत जल्द शुरू कराया जाएगा।
विरेंद्र कुमार मांझी,रेल थानाध्यक्ष,नवादा।

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