विश्व संस्कृत दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया

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जहानाबाद  : शनिवार को विश्व संस्कृत दिवस के मौके पर एसके संस्कृत सह उच्च विद्यालय बसंतपुर, शकूराबाद में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ हुलासगंज मठ एवं सरौती मठ के मठाधीश श्री श्री 1008 श्री हरेरामाचार्य एवं मानपुर मठ के मठाधीश स्वामी श्री श्री 1008 श्री सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर किया। शुभारंभ से पूर्व विद्यालय परिवार ने आगत अतिथियों के माथे पर तिलक लगाकर, पुष्प बरसाकर एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के निदेशक सह राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ एसके सुनील ने किया। वहीं मंच संचालन कौशलेन्द्र शर्मा ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बिहार विधान परिषद पाटलिपुत्र सदस्य जीवन कुमार ने संबोधित करते हुए कहा की संस्कृत के माध्यम से पुनः हमारा देश एक बार विश्व गुरु बन सकता है। हमारी नई पीढ़ी और समाज को बचाए रखने के लिए संस्कृत का अध्ययन अध्यापन बहुत जरूरी है। चंद्रयान-3 की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्कृत के कारण भी हमारे वैज्ञानिक को अपने सफलता हासिल की है।

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ऐसे शोध पत्र भी प्राप्त हुए हैं वही बिहार सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सनातन धर्म को समाप्त करने में महागठबंधन की सरकार जुटा है और धार्मिक न्यास पर 5% की जगह 10% की कर बढ़ाने का काम किया है। हिंदुओं का पर्व रक्षा बंधन जितिया, तीज, कर्मा सहित तमाम पर्व की छुट्टियां बिहार सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक द्वारा रद्द किया है। लगातार सनातन धर्म का विरोध बिहार सरकार द्वारा किया जा रहा है। जिसे हम लोग पूरजोर विरोध करेंगे, संस्कृत भाषा जीवन और परिवार में अनुशासन सिखाती है महागठबंधन के नेताओं को सनातन धर्म से नफरत है।

वही राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सह लोजप्पा नेत्री इंदु कश्यप ने संस्कृत की प्राचीनता बताते हुए वेदों का दैनिक जीवन में महत्व बताया कहा विश्व संस्कृत दिवस पूरे देश में मनाया जाता है । देववाणी संस्कृत से भारत की संस्कृत अखंड है संसार में संस्कृत जितनी कोई समृद्ध भाषा नहीं है हिंदू सभ्यता के कई शास्त्र वेद ग्रंथ पुराण कथाएं आदि संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं।

भाषा विद पाणिनी द्वारा संस्कृत के व्याकरण के आठ अध्यायों की रचना के बाद इसे आधिकारिक तौर पर भाषा के रूप से मान्यता दी गई। दूसरी तरफ विश्व संस्कृत दिवस को वर्ष 1969 में पहली बार मनाया गया था। ओ भाई घनश्याम लाल ने स्वर रचित संस्कृत गीत के माध्यम से संस्कृत साहित्य की रचनाओं का बोध कराया। मौके पर उप विकास आयुक्त परितोष कुमार, हम पार्टी सेकुलर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह, वैद्यनाथ शर्मा, समाजसेवी सह पत्रकार संतोष श्रीवास्तव, कांग्रेस नेता कन्हाई शर्मा, सोनू कुमार सहित सैकड़ो गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

जहानाबाद से मनोज कुमार की रिपोर्ट

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