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चार राज्यों में भाजपा की वापसी से क्यों बेचैन हैं प्रशांत किशोर?

पटना : 4 राज्यों में पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने के बाद भाजपा तथा मोदी को लेकर अलग-अलग दल और चुनावी रणनीतिकार ने प्रतिक्रिया दी है। इससे कड़ी में नरेंद्र मोदी के साथ बतौर चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्य शुरू करने वाले प्रशांत किशोर ने इन 4 राज्यों के परिणाम को लेकर टिप्पणी की है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि देश के लिए लड़ाई 2024 में लड़ी जाएगी और तभी नतीजे आएंगे, इन विधानसभा चुनावों में नहीं। साहेब ये जानते हैं! इसलिए राज्य के परिणामों के जरिए विपक्ष के खिलाफ एक मनोवैज्ञानिक धारणा बनाने की चाल चल रहे हैं। इस झूठी कथा में मत फंसे और इसका हिस्सा मत बनें।

पीके की इस टिप्पणी के बाद अब यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर प्रशांत ने ऐसा क्यों कहा? पीके के इस बयान का मुख्य कारण यह है कि पीएम ने बीते दिन कहा था कि मैं आज ये भी कहूंगा कि 2019 के चुनाव नतीजों के बाद, कुछ पॉलिटिकल ज्ञानियों ने कहा था कि 2017 के नतीजों ने 2019 के नतीजे तय कर दिए। मैं मानता हूं इस बार भी वो यही कहेंगे कि 2022 के नतीजों ने 2024 के नतीजे तय कर दिए।

जानकारों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2024 की लड़ाई की पटकथा इन चुनाव परिणामों के जरिये लिखना चाह रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ चुनावी रणनीति के नाम पर कंपनी चलाने वाले अपने अनुकूल परिणाम नहीं आने की वजह से विकासवाद के मॉडल को नकारने का कुत्सित प्रयास करने में जुट गए हैं। इसलिए प्रशांत किशोर जैसे रणनीतिकार इन 4 राज्यों के परिणाम को अलग नजरिये से देखने की वकालत कर रहे हैं।