देश विदेश डेस्क : संयुक्त राष्ट्रसंघ की महत्वपूर्ण ईकाई विश्व स्वास्थ्य संगठन पर अफ्रीकी देश कांगो में बेहद ही शर्मनाक दाग लगा है। वहां WHO के 21 कर्मियों पर महिलाओं और नाबालिग लड़कियों से मदद करने के नाम पर रेप करने का खुलासा हुआ है। एक स्वतंत्र जांच में यह पाया गया कि कांगो में 2018 से 2020 के दौरान स्वास्थ्य जागरुकता मिशन पर काम कर रहे इन कर्मियों ने सैकड़ों महिलाओं और बच्चियों का रेप किया। WHO के ये कर्मचारी इबोला महामारी से बचाव के लिए लोगों को जागरुक करने वहां गए थे।
इस तरह सामने आया मामला
जब कुछ महिलाओं ने ऐसे कृत्यों के खिलाफ आवाज उठाई तो डब्ल्यूएचओ ने एक स्वतंत्र जांच कराई। जांच रिपोर्ट में सारे आरोपों को सही पाया गया। इसके मुताबिक साल 2018 में इबोला महामारी की रोकथाम के लिए गई WHO टीम ने वहां कुछ महिलाओं को नौकरी देने के नाम पर उनके लिए इंटरव्यू लिए। 43 वर्षीय एक महिला ने बताया कि वह कांगो में अपने इलाके में इबोला के लिए जागरूकता फैलाने के लिए WHO में नौकरी के लिए गई थी, लेकिन वहां पर इंटरव्यू लेने वाले शख्स ने नौकरी देने के बदले सेक्स की डिमांड कर दी। जब महिला ने मना किया तो उसने जबदस्ती रेप किया। ऐसे कई मामले कांगो के सुदूर गांवों में रिपोर्ट हुए हैं।
WHO ने इस तरह दी सफाई
सारे मामले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने दुख जताते हुए कहा कि गुनाह करने वालों को सजा दिलाना हमारी प्राथमिकता है। हम सभी दोषियों को सजा दिलाने में कोई कोर कसर नहीं रखेंगे। आगे हुई जांच में यह भी सामने आया कि हॉस्पिटल में भर्ती महिलाओं के साथ भी यौन उत्पीड़न किया गया था। करीब 83 ऐसे कर्मियों का पता चला है जिन्होंने इबोला महामारी के दौरान महिलाओं का यौन शोषण किया था। इन 83 में से 21 विश्व स्वास्थ्य संगठन के कर्मचारी थे। पीड़ित महिलाओं ने यह भी बताया कि आरोपी कंट्रासेप्शन का इस्तेमाल नहीं करते थे और बाद में अबॉर्शन के लिए दबाव बनाते थे।