सोशल मीडिया माध्यम से चुनावी मैदान में उतरेगी जदयू
पटना: अक्टूबर नवंबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने कागजी तौर पर अपनी तैयारी पूरी कर ली है। 26 जून को निर्वाचन विभाग द्वारा सर्वदलीय बैठक में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव कराने के संकेत दिए गए हैं।
कभी नीतीश कुमार सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने वाले नेताओं जिसमें नरेंद्र मोदी भी शामिल थे, का यह कहकर मजाक उड़ाते थे कि देश में कुछ नेता चिड़ियां की भांति चहचहाने लगे हैं। मालूम हो कि ट्विटर का प्रतीक चिन्ह चिड़िया है।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इस बार पारम्परिक तरीके से चुनाव प्रचार संभव नहीं है। हजारों-लाखों लोगों की भीड़ का दावा कर चुनावी रैली कराना संभव नहीं है। इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियां वर्चुअल रैली कर मतदाता को अपने-अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है।
भाजपा ने वर्चुअल रैली की शुरुआत पिछले महीने सात जून को की थी। इस रैली में मुख्य वक्ता के तौर पर भाजपा के कद्दावर नेता व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह थे। बिहार जनसंवाद के नाम से आयोजित इस रैली को बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के तौर पर देखा जा रहा है। इसके बाद से भाजपा नेताओं के द्वारा लगातार विभिन्न विधानसभा में जनसंवाद जारी है।
इस कड़ी में अब एनडीए के सहयोगी दल जदयू सात जुलाई को अपने छात्र विंग छात्र जदयू के साथ वर्चुअल रैली की शुरुआत करेगी। जदयू के तरफ से वर्चुअल रैली की शुरुआत पार्टी के संगठन महासचिव व राज्यसभा में पार्टी के नेता आरसीपी सिंह करेंगे।
इसके बाद 8 जुलाई को अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ, 9 जुलाई को महिला जदयू, 10 जुलाई को महादलित प्रकोष्ठ, 11 जुलाई को युवा जदयू, 12 जुलाई को व्यवसायिक प्रकोष्ठ, 13 जुलाई को किसान प्रकोष्ठ तथा 14 व 15 जुलाई को शेष प्रकोष्ठ के साथ संवाद करेंगे।
आरसीपी सिंह से पहले जदयू सुप्रीमों नीतीश कुमार पार्टी के सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्ष के साथ वार्ता कर चुके हैं। साथ ही मुख्यमंत्री सभी जिलों के विभिन्न प्रकोष्ठों के सभी पदाधिकारियों से विर्चुअली बात कर टास्क दे चुके हैं।
वहीं एनडीए के सहयोगी दल लोजपा अभी तक इस विधा से दूर है। लोजपा अभी तक सीट बंटवारे को लेकर खुद में कंफ्यूज है। लोजपा ने दावा किया है कि इस बार वह एक सौ उन्नीस सीटों पर अपनी तैयारी कर रही है।
महागठबंधन में शामिल सभी दलों के बीच सामंजस्य नहीं बैठने के कारण अभी तक वर्चुअली जनता से नहीं जुड़ी है। महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खटपट शुरू है। सीट बंटवारे को लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि इस बार कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव ज्यादा सीटों पर लड़ेगी।
सिंह ने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में कांग्रेस आरजेडी और जेडीयू के साथ थी। तब जेडीयू को 101 सीटें मिली थी। लेकिन इस बार जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा नहीं है। इसलिए उन 101 सीटों का बंटवारा सभी के बीच होना चाहिए तथा इसमें कांग्रेस को हिस्सा मिलना चाहिए। महागठबंधन में इस बार जीतन राम मांझी व रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं।
2015 बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा 160, लोजपा 40, रालोसपा 23 व हम 20 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। वहीँ 2015 में महागठबंधन में जदयू 101, राजद 101 तथा कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।