मुर्दा भी कहीं भागता है? पढ़ें कैसे डॉक्टरों ने खोली बिहार पुलिस की कलई

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पटना : बिहार पुलिस जो न करे वह कम है। दारूबंदी ने राज्य में मुख्यरूप से क्राइम कंट्रोल के लिए बनी इस संस्था के कल पूर्जों को इस कदर जंगिया दिया कि अब उसे मुर्दे को भी इसलिए हथकड़ी लगाकर अस्पताल में इलाज कराने के लिए लाना पड़ रहा है कि कहीं वह भाग न जाए।

मामला वैशाली जिले का है जहां बिहार पुलिस ने एक मरे हुए कैदी को हथकड़ी में जकड़कर अस्पताल पहुंचा दिया। जब खेजबीन की गई तो पता चला कि जेल में ही हो गई कैदी की मौत के मामले पर पर्दा डालने के लिए जेल प्रशासन और पुलिस ने मिलजुलकर यह खेल खेला और कैदी के शव को हथकड़ियों में जकड़कर अस्पताल भेज दिया। अस्पताल में घंटों पुलिस और जेलकर्मी मुर्दा कैदी को बीमार बता नाटक करते रहे। वह तो भला कहें डॉक्टरों की कि उन्होंने सारी पोल खोल दी।

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बताया जाता है कि उक्त कैदी हाल ही में जेल लाया गया था। दो दिन पहले उसकी जेल में ही मौत हो गई। मौत के करीब 36 घंटों तक तो जेलकर्मियों को उसके मरने की कोई खबर ही नहीं थी। जब उन्हें जानकारी मिली तो अपनी गर्दन बचाने के लिए उसके जिंदा होने का नाटक करते हुए अस्पताल में भर्ती कराने की तरकीब निकाली। लेकिन अस्पताल ने उनकी सारी पोल खोल दी और कैदी को ब्राउट डेड घोषित कर दिया। सारे मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है।

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