नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वार्षिक बजट पेश करते हुए देश में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की। संसद में बजट पेश करने के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार एक सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेगी। इसे रिजर्व बैंक लॉन्च करेगा। आइए जानते हैं कि क्या है डिजिटल करेंसी। कैसे इस डिजिटल करेंसी को सामान्य मुद्रा की तरह भारत में प्रयोग में लाया जा सकेगा।
बजट में ऐलान के पीछे सरकार का मकसद
दरअसल इस डिजिटल करेंसी को लाने के ऐलान के पीछे सरकार की मंशा देश के रुपये को पूरी तरह सुरक्षित करने की है। विश्व में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य आभासी मुद्राओं के बढ़ते प्रचलन से सरकार काफी सचेत है। आरबीआई ने भी कई मौकों पर बिटकॉइन, ईथर, आदि जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी के साथ मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, टैक्स चोरी आदि की चिंताओं को व्यक्त किया था। ऐसे में सरकार ने अब खुद की डिजिटल करेंसी का ऐलान कर बाकी आभासी मुद्राओं के दुष्प्रभाव से देश को एक तरह से सुरक्षित कर लिया है।
ये होती है डिजिटल करेंसी, इतने हैं फायदे
विशेषज्ञों के अनुसार जिस डिजिटल करेंसी की बात अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने की वह डिजिटल रूप में एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक कानूनी टेंडर है। यह करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी। दूसरे शब्दों में डिजिटल मुद्रा कागज में जारी एक फिएट मुद्रा के समान है जो किसी भी अन्य फिएट मुद्रा के साथ अदला—बदला जा सकता है। यहां टारगेट यूजर्स को पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली के तहत सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित रहती है
रिजर्व बैंक जारी करेगा डिजिटल करेंसी
केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल मुद्रा शुरू करने से भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा। ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित इस मुद्रा को लॉन्च करने का जिम्मा रिजर्व बैंक के हवाले होगा। इससे देश में नकदी प्रबंधन प्रणाली में भी मदद मिलेगी।