मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर घर को जल का सपना पूरा हो गया। महज तीन दिनों में ही बारिश ने नीतीश का सपना पूरा करते हुए सरकार के अरबों की राशि को बचा दिया।
इसके गवाह पटना सहित बिहार के लाखों लोग तो बने ही, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रख्यात लोकगीत गायिका शारदा सिन्हा सहित प्रशासन के लोग भी बने।
हद है ! प्रख्यात कवि कुमार विश्वास के टवीट ने तो यहां तक कह दिया कि पटना में बह रहे नाले के पानी से ही सही कुछ चुल्लु पानी प्रशासन-शासन को लेकर लगा लेना चाहिए था। ताकि आंखों में पानी आए। पटना में पानी है। सूबा पानी-पानी है। पर, शासन-प्रशासन की आंखों में सुख चुके पानी के लिए पटना पीएमसीएच, एनएमसीएच तथा बिहार सरकार के सपनों का निर्माण-बिहार म्यूजियम में भी घुटनों भर पानी है।
दो काॅलेज जाने वाली लड़कियों ने तीखा प्रहार करते हुए इस संवाददाता को बताया कि क्या जरूरत थी-बिहार म्यूजियम की। यह तो चुने भी लगा था। इसकी छत से पानी आने लगा था। और तो और, इसमें कौन आएगा घुमने। घुटने भर पानी अभी भी लगा है। क्या बनाया गया है ?
सड़कें नहीं बनीं। नालियां नहीं बनीं। पानी निकलने का उपाय नहीं किया गया। क्या निगम को पता नहीं था कि हथया नक्षत्र में वर्षा होती है। निरंतर। उसकी निरंतरता से मुकाबले के लिए कोई उपाय नहीं किया गया।
व्यंग्य