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व्याख्यान : स्थिरता का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करना- प्रो एस.पी.सिंह

पटना : स्थिरता का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करना है, ताकि कम सामग्री और ऊर्जा का उपयोग करके पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को कम किया जा सके। नौकरी, भोजन, ऊर्जा और स्वच्छता के लिए आवश्यक जरूरतों को पूरा करना, जनसंख्या का एक स्थायी स्तर सुनिश्चित करना और हमारे प्राकृतिक ऊर्जा आधार का संरक्षण एवं संवर्धन करना आवश्यक है। किसी भी निर्णय में पारिस्थितिक और आर्थिक विचारों का सही समन्वय आवश्यक है। उक्त बातें ए.एन.कॉलेज, पटना के पुस्तकालय सभागार में ‘सतत विकास के लिए हरित प्रौद्योगिकी’ विषय पर एस.एन.सिन्हा व्याख्यान माला की 23वीं कड़ी को संबोधित करते हुए वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एस.पी.सिंह ने कही।

उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण के सभी घटक प्रदुषित हो रहे हैं। स्वच्छ जल की उपलब्धता की समस्या आज न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में एक चुनौती बन गई है। भूमिगत जल का स्तर निरंतर नीचे जा रहा है। आज वैश्विक जल संकट एक प्रमुख विषय बन चुका है क्योंकि जल ही जीवन है। अगर मनुष्य को अपने भविष्य को सुरक्षित और सुंदर बनाना है तो जल संकट को दूर करने के उपायों पर ज्यादा ज़ोर देना होगा। उन्होंने विस्तार से ग्लोबल वार्मिंग की वैश्विक समस्या और उसके समाधान पर चर्चा की तथा जैव विविधता संरक्षण पर बल दिया।

इसके पूर्व महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि अनुग्रह बाबू तथा सत्येंद्र बाबू के आशीर्वाद से ए .एन .कॉलेज लगातार प्रगति पथ पर अग्रसर है। यह शिक्षकों, विद्यार्थियों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सतत प्रयास का परिणाम है। अपने पुरखों को याद करना हिन्दुस्तान की संस्कृति रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए सत्येन्द्र बाबू की स्मृति में इस व्याख्यान माला का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यक्रम का संचालन आईक्यूएसी की ज्वाइंट कोर्डिनेटर डॉ.रत्ना अमृत ने किया। वहीं, कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन आईक्यूएसी-कोर्डिनेटर प्रो.नुपूर बोस ने किया है। इस अवसर पर महाविद्यालय के बरसर प्रो.अजय कुमार,आईक्यूएसी के पूर्व समन्वयक प्रो.अरुण कुमार, प्रो.पुनम जायसवाल,प्रो.अनिल कुमार, डॉ.शबाना करीम, डॉ. कुमार शैलेन्द्र, डॉ संजय कुमार सिंह,डॉ.अमृता चक्रवर्ती,डॉ.रत्नेश कुमार, डॉ भारती कुमारी सहित अनेक विभागों के शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।