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विश्व मेंटल हेल्थ डे : अवसाद को हावी होने से रोकने में ये टिप्स हैं बेहद कारगर

पटना : भागदौड़ भरी जिंदगी में अनियमित जीवनशैली के कारण थकान और मानसिक अवसाद होना आम बात है। शरीर की थकान जब शारीरिक बीमारी का कारण बनती है, तो हम दवाओं या अन्य उपायों के जरिए ठीक हो जाते हैं। वहीं, मानसिक थकान हमें मानसिक तौर पर बीमार कर बड़ी परेशानी में डाल देती है। जब यह समस्या वैश्विक परेशानी के तौर पर आम होने लगी तब संयुक्त राष्ट्र भी इसे लेकर गंभीर हुआ। वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव रिचर्ड हंटर की पहल पर इस दिशा में पहली बार ठोस कदम उठाया गया और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ संगठन बना जिसके 150 से अधिक देश सदस्य हैं। इसके बाद साल 1994 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी ने एक थीम निर्धारित कर इसे विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के तौर पर मनाने की सलाह दी। तब से हर साल 10 अक्तूबर को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

ये 6 बातें रखती हैं आपकी मेंटल हेल्थ का ख्याल

क्या आप ऑफिस या घर की जिम्मेदारियों के बीच इतने उलझे रहते हैं, कि हमेशा आपको सिर में अक्सर भारीपन का एहसास होता रहता है? आमतौर पर ज्यादातर लोग इस स्थिति में पेन किलर लेते हैं या फिर किसी घरेलू उपाय से इन समस्या का निजात ढूंढ़ने का प्रयास करते हैं। असल में यह आपकी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। तनाव, काम का बोझ, शारीरिक थकान मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। ऐसे में मेंंटल हेल्थ को बनाए रखने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देकर कई मानसिक बीमारियों से बच सकते हैं।

नियमित जीवनशैली अपनाएं, खाली पेट बाहर न निकलें

हमें नियमित जीवनशैली अपनानी चाहिए जिसमें रोजाना दिन की शुरूआत योग और पूजा—ध्यान से करना सर्वोत्तम होता है। जल्दबाजी में अक्सर हम घर से बिना कुछ खाये निकल जाते हैं और बाहर मिलने वाला अनहेल्दी फूड खा लेते हैं। ऐसे में अगर आपको शरीर के साथ मानसिक रूप से भी फिट रहना है, तो सुबह भूखे पेट नहीं बल्कि कुछ हेल्दी ब्रेकफास्ट करके ही ऑफिस, कॉलेज या फिर किसी अन्य काम के लिए निकलें।

हमेशा एक्टिविटी या समारोहों में शामिल हों

ऑफिस में अगर योगा, मेडिटेशन, डांस या कोई फन ऐक्टिविटी हो रही है, तो समय बचाने के चक्कर में न पड़ें और बढ़-चढ़कर उसमें हिस्सा लें। कोई भी ऐसी ऐक्टिविटी जिसमें पूरे ऑफिस को बुलाया गया हो, उसमें जरूर शामिल हों। आपको उस वक्त यह समय बर्बाद करने वाली चीज लग सकती है लेकिन ये एक्टिविटी आपके तन-मन के लिए बहुत अच्छी है। इससे आपके दिमाग की कसरत भी होती है।

दोस्तों या किसी करीबी से बात करना न छोड़ें

अगर आपको कोई भी बात मानसिक रूप से परेशान कर रही है, तो आप काम के बीच से समय निकालकर किसी खास दोस्त या करीबी से मन की बात शेयर कर सकते हैं। कोई भी बात अगर आपको लंबे टाइम से परेशान कर रही है, तो आप बिना तनाव लिए उसका हल ढूंढ़ने की कोशिश करें।

प्रोफेशनल और निजी लाइफ में संतुलन रखें

पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाए बिना आप हमेशा तनाव में रह सकते हैं। ध्यान रहे कि घर के तनाव का असर आपके काम पर न पड़े। इसी तरह ऑफिस की टेंशन ऑफिस से काम खत्म कर बाहर निकलने तक ही आपके साथ रहनी चाहिए। इसके बाद आप पूरा समय अपने घर—परिवार को दें। हां, इसमें आप एक व्यवस्थित कार्यसूची और दैनंदिनी डायरी की भी मदद ले सकते हैं। इसके अलावा छोटा-सा काम जो आपको पॉजिटिव रखने में काफी मदद कर सकता है। अपने वर्क स्टेशन को अपनी पसंद की चीजों से सजा सकते हैं। इसे आप अपने परिवार की तस्वीर, भगवान की फोटो या कोई मोटिवेशनल कोट्स सामने लगा सकते हैं। साथ ही कई बार ऐसा होता है कि कोई जगह या किसी व्यक्ति से हमें नकरात्मकता का एहसास होता है। जिस व्यक्ति की बातें आपको बोझिल लगती हो। उससे दूरी बनाकर रहें और उसकी बातों को ज्यादा न सोचें। जिंदगी को खुश रहकर बिताएं।