पटना : बिहार विधानमंडल के एक दिनी विशेष सत्र में आज सोमवार को एससी-एसटी आरक्षण को एक बार फिर अगले दस वर्षों के लिए बढ़ाने पर मुहर लगा दी गई। विस अध्यक्ष विजय चौधरी ने 126वें संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से स्वीकृत होने की घोषणा की। संसद के दोनों सदनों ने पिछले सत्र में इसे मंजूरी दी थी।
इस मौके पर बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि एनआरसी का बिहार में कोई सवाल ही नहीं है। एनआरसी तो केंद्र की तत्कालीन राजीव गांधी सरकार असम के लिए ले आयी थी। एनआरसी का पूरे देश में औचित्य ही नहीं है। पीएम मोदी भी इस संबंध में बोल चुके हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी द्वारा जातीय जनगणना के संबंध में उठाये गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके पक्षधर हमलोग भी हैं। जातीय जनगणना जरूर होनी चाहिए। साल 1930 में आखिरी बार जातीय जनगणना हुई थी। जहां तक बात सीएए की है तो इसपर चर्चा हो सकती है। इसपर फैले भ्रम और अफवाहों को दूर करने की जरूरत है।