वीआईपी के पास हटाओ, मज़दूरों को वापस लाओ : तेजस्वी यादव
पटना: पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का रूप ले चुका है। भारत में अब तक 21797 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। जिसमें से 686 लोगों की मौत हो चुकी है। इस संकट से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा कोरोना के बढ़ते प्रकोप को कम करने के लिए भारत में अभी दूसरे चरण का देशव्यापी लॉकडाउन जारी है।
इस लॉक डाउन में हम और आप कोरोना वायरस के डर से घरों में कैद हैं, मगर मजदूर अपने घर लौटने के लिए परेशान हैं। साधन नहीं है तो ये लोग पैदल ही सैकड़ों, हजारों किमी की यात्रा पर निकल पड़े हैं। इस लॉक डाउन में सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी स्थिति संतोषजनक नहीं है। अगर बात बिहार की करें तो अभी भी बहुत सारे बिहारी मजदूर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों में बड़ी मुसीबत में फंसे हुए हैं। इन मजदूरों के पास अपने घर जाने के लिए कोई साधन नहीं है, रोते हुए भूखे पेट ये लोग अपने-अपने घरों के लिए निकल रहे हैं।
इसी को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार के प्रवासी मज़दूरों को राहत पहुँचाने संबंधित दावे की वास्तविकता और खंडन प्रतिदिन खुद फँसे हुए ग़रीब मज़दूर कर रहें है। हर रोज़ के अख़बार, टीवी,सोशल मीडिया इत्यादि पर इनकी सैकड़ों आपबीती और व्यथा की खबरें मिलती हैं। अगर सरकार वाक़ई मदद कर पा रही है तो फिर ये कौन लोग हैं?
तेजस्वी ने कहा कि अगर मान लें कि प्रत्येक ज़िले से कम से कम 30 हज़ार लोग बिहार से बाहर मज़दूरी/नौकरी कर रहें तो पूरे राज्य से तक़रीबन 11.40 लाख लोग बाहर हैं। सरकार के दावे के मुताबिक़ तो इससे ज़्यादा लोगों को सहायता राशि मिल चुकी है फिर ये लोग क्यों गुहार लगा रहें है? इसका सीधा मतलब ये है कि इसमें भी गोलमाल है।
राजद नेता ने कहा कि सहायता राशि के लिए सरकार ने “लाभार्थी का बैंक खाता बिहार का होना चाहिए” के रूप में एक ऐसी शर्त रखी है जिससे ज़्यादातर लोग अभी तक वंचित हैं। जहाँ ये मज़दूर काम करते हैं उनके मालिक वहीं खाता खुलवा देते हैं तो अब बेचारे बिहार का खाता कहाँ से लायें? सरकार को इस शर्त को संशोधित करते हुए बिहार का आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड इत्यादि का विकल्प जोड़ना चाहिए ताकि जो इससे छूट गये है उनको भी ये सहायता राशि मिले।
इसके अतिरिक्त मैं सरकार से ये भी माँग करता हूँ की लॉकडाउन के दौरान बाहर में एकमुश्त दिए जाने वाले 1000 रूपया में 3-4 दिन से ज़्यादा का गुज़र बसर नहीं हो सकता इसलिए यह राशि अनिवार्य रूप से साप्ताहिक अंतराल पर देनी चाहिए।