विजयादशमी : संघ प्रमुख ने की शस्त्रपूजा, ‘टुकड़े गैंग’ और चीन के षडयंत्र से किया सावधान

0

नयी दिल्ली/नागपुर : देश भर में आज रविवार को विजयादशमी मनाई जा रही है। विजयादशमी को ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस भी होता है। हर साल इस मौके पर नागपुर मुख्यालय में कार्यक्रम आयोजित होता है। इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज नागपुर में पूरे विधि—विधान से शस्त्रपूजा की। अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय जनमानस के संयम और समझदारी की सराहना करते हुए आगे भी ‘टुकड़े—टुकड़े गैंग’ और चीन जैसे षडयंत्रकारियों से सावधान किया। श्री भागवत ने कहा कि रामजन्मभूमि के मामले में अपना निर्णय देकर सर्वोच्च न्यायालय ने इतिहास बनाया। भारतीय जनता ने इस निर्णय को संयम और समझदारी का परिचय देते हुए स्वीकार किया।

‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ कहने वाले बेनकाब

इसके बाद संघ प्रमुख ने टुकड़े-टुकड़े गैंग का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की विविधता के मूल में स्थित शाश्वत एकता को तोड़ने का घृणित प्रयास, हमारे तथाकथित अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को झूठे सपने तथा कपोलकल्पित द्वेष की बातें बता कर चल रहा है। ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ ऐसी घोषणाएं देने वाले लोग इस षड्यंत्रकारी मंडली में शामिल हैं। वे देशविरोधी ताकतों के एजेंट हैं और भारत की एकता को तार—तार करने की मंशा रखते हैं। वे एक तरह से विस्तारवादी चाइना के एजेेंडे पर चल रहे हैं। इनसे भारतीयों को सावधान रहने की जरूरत है।

swatva

मोहन भागवत ने चीन को दिखाया आईना

इसी क्रम में चीन पर निशाना साधते हुए मोहन भागवत ने कहा कि हम शांत रहते हैं इसका मतलब यह नहीं कि हम दुर्बल हैं। इस बात का अहसास तो अब चीन को भी हो गया होगा। लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके बाद हम लापरवाह हो जाएं। ऐसे खतरों पर हमें नजर बनाए रखनी होगी। साथ ही देश के अंदर छिपे साम्यवादी मानसिकता वाले चीनियों के मददगारों की भी पहचान रखनी होगी। भारतीय सेना के पराक्रम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सेना की अटूट देशभक्ति व अदम्य वीरता, हमारे शासनकर्ताओं का स्वाभिमानी रवैया तथा हम सब भारत के लोगों के दुर्दम्य नीति-धैर्य का परिचय चीन को पहली बार मिला है।

ड्रैगन के विस्तारवाद को पहचान गई दुनिया

श्री भागवत ने कहा कि हम सभी से मित्रता चाहते हैं और यही हमारा स्वभाव है। परन्तु हमारी सद्भावना को दुर्बलता मानकर अपने बल के प्रदर्शन से कोई भारत को चाहे जैसा नचा ले, झुका ले—यह हो नहीं सकता। इतना तो अब तक ऐसा दुःसाहस करने वालों को समझ में आ जाना चाहिए। चीन के विस्तारवादी स्वभाव को अब दुनिया जान गई है। इस बार उसने एक साथ ताइवान, वियतनाम, अमेरिका, जापान और भारत के साथ-साथ झगड़ा मोल लिया। लेकिन इस बार अंतर है। इस बार भारत ने उसको जो प्रतिक्रिया दी, उसके कारण वह सहम गया। उसको धक्का मिला क्योंकि भारत तन के खड़ा हो गया। भारत की सेना ने अपनी वीरता का परिचय दिया, भारत के नागरिकों ने अपनी देशभक्ति का परिचय दिया।

कोरोना काल में सामूहिकता की अनुभूति

संघ प्रमुख ने कहा कि कोरोना की वजह से कई सारे विषय बंद हो गए। सरकार की तरफ से सही समय पर उठाए गए कदमों की वजह से भारत को कोरोना के मामले में अन्य देशों की तुलना में कम नुकसान हुआ। बाकी देशों की तुलना में हमारा भारत संकट की इस परिस्थिति में अधिक अच्छे प्रकार से खड़ा हुआ दिखाई देता है। कोरोना ने कई सार्थक बातों की तरफ भी हमारा ध्यान खींचा है। लॉकडाउन के समय आरएसएस सहित समाज के सभी वर्ग के लोगों ने जरूरतमंदों की खुल कर मदद की है। कहीं भोजन बांटने का काम हुआ तो कही मास्क बांटे गए। स्वतंत्रता के बाद धैर्य, आत्मविश्वास व सामूहिकता की यह अनुभूति पहली बार अनेकों लोगों ने देखी है।

CAA में किसी संप्रदाय विशेष का विरोध नहीं

सीएए पर श्री भागवत ने कहा कि कुछ पड़ोसी देशों से सांप्रादायिक कारणों से प्रताड़ित होकर विस्थापित किए जाने वाले बंधु, जो भारत में आएंगे उनको मानवता के हित में शीघ्र नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान था। उन देशों में सांप्रदायिक प्रताड़ना का इतिहास है। भारत के इस नागरिकता संशोधन अधिनियम कानून में किसी संप्रदाय विशेष का विरोध नहीं है। लेकिन फिर भी CAA को आधार बनाकर समाज में विद्वेष व हिंसा फैलाने का षडयंत्र किया गया जो अब भी चल रहा है। इस कानून को संसद से पूरी प्रक्रिया से पास किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here