राष्ट्रभक्ति, नैतिक एवं जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का केंद्र विद्या भारती,स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बन रहा देश
मुजफ्फरपुर : लोक शिक्षा समिति द्वारा मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के विष्णुपुर बाघ नगरी स्थित शिवालय सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में पिछले बीस दिनों से चल रहे विद्या भारती विद्यालयों के उत्तर बिहार प्रांत स्तरीय नवीन आचार्य एवं आचार्य स्थायित्व प्रशिक्षण का सोमवार को दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। इस समारोह का विधिवत उद्घाटन विद्या भारती बिहार क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम,क्षेत्रीय सचिव नकुल कुमार शर्मा, विद्या भारती उत्तर बिहार के प्रदेश सचिव मुकेश नंदन एवं प्रशिक्षण वर्ग के प्राचार्य व लोक शिक्षा समिति, बिहार के सह-सचिव रामलाल सिंह ने संयुक्त रूप से मंगल दीप प्रज्वलित कर किया।
मां सरस्वती की वंदना कर करते हैं पढाई प्रारंभ
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम ने कहा कि विद्या भारती विद्यालय आज सम्पूर्ण भारत में संस्कार युक्त , राष्ट्रभक्ति , नैतिक एवं जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का पुनीत कार्य अहर्निश कर रहे हैं। लाखों छात्र- छात्राएं प्रतिदिन मां सरस्वती से जग सिरमौर बनाएं भारत , वह बल विक्रम दे , अम्ब विमल मति दे । यह साग्रह निवेदन करते हुए अपनी पढाई प्रारंभ करते हैं ।
भारत का गौरवशाली इतिहास गर्व करने वाला
इसके आगे उन्होंने कहा भारत की ज्ञान परम्परा यहां की संस्कृति , भारत का गौरवशाली इतिहास गर्व करने वाला रहा है । हमारे आचार्य छात्र छात्राओं को प्रेरणा देते हैं एक श्रेष्ठ नागरिक बनने की । परहित सरिस धर्म नहिं भाई , पर पीडा नहिं सम अधिमाई । आज भी गांव – नगर में सायं की आरती के बाद धर्म की जय हो , प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो , जैसे जयघोष लगाए जाते हैं , भारत की संस्कृति समभाव , समरसता , प्रकृति पूजा , जीवदया की रही है । कश्मीर से कन्याकुमारी तक , अटक से कटक तक भारत एक सशक्त स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र रहा है।
सकारात्मक विचार एवं प्रयास से भारत पुनः बनेगा विश्वगुरु
उन्होंने कहा कि जहां डाल डाल पर सोने की चिडियां करतीं हैं बसेरा , वह भारत देश है मेरा , हमारे देश में लोग अपने घरों में कभी ताला नहीं लगाते थे । यहां की चित्र कला , वास्तुकला , वैदिक शिक्षा , चिकित्सा पद्धति , कुंभ मेले आदि दुनियां में अद्भुत हैं , जिस पर हर भारतीय को गर्व होता है । हमारा भारत जग सिरमौर बने , हमारा भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा हम सबके सकारात्मक विचार एवं प्रयास से । आज हम आत्मनिर्भर , स्वाबलंवन , तकनीकी शिक्षा कौशल विकास , बालिका शिक्षा , वैदिक शिक्षा चिकित्सा शिक्षा आदि के क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहे हैं ।
दीक्षांत अंत नहीं प्रारंभ
इसके साथ ही क्षेत्रीय संगठन मंत्री ने कहा कि दीक्षांत यह अंत नहीं प्रारंभ है, शिक्षण व्यवस्था के क्रियान्वयन का । आप अपने विद्यालय को गांव का आदर्श विद्यालय बनाकर अपने गांव को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने में सहयोग करें , मां भारती को परम वैभव के शिखर पर पहुंचाने में अपना बहुमूल्य योगदान दें।
इस मौके पर लोक शिक्षा समिति बिहार के विभाग निरीक्षक ललित कुमार राय, राजेश कुमार रंजन,अनिल कुमार राम , कृष्ण कुमार प्रसाद, धरणीकांत पाण्डेय, रमेश चंद्र शुक्ला , विद्या भारती उत्तर बिहार प्रांत के प्रचार विभाग के प्रांत प्रचार टोली के सदस्य प्रशांत कुमार, लाल बाबू जी एवं सत्यम कुमार आदि कार्यकर्ता उपस्थित थें।